गंजेपन की समस्या के लिए थेरेपी कारगर उपाय

Update: 2023-07-16 07:03 GMT

चंडीगढ़ न्यूज़: आजकल बालों का झड़ना आम समस्या बन चुका है. कभी हमारे खानपान तो कभी दवाइयों के अधिक इस्तेमाल को इसकी वजह बताया जाता है. अब अमेरिका कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में किए गए शोध में बताया गया है कि कुछ थेरेपी की मदद से इस समस्या से निजात पाया जा सकता है.

शोध के अनुसार अमेरिका में 80 फीसदी पुरुष और 50 फीसदी महिलाएं बालों के झड़ने की समस्या से परेशान हैं. शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन के दौरान बालों के विकास के लिए जिम्मेदार अणुओं के तंत्र का परीक्षण किया. उन्होंने बताया कि सिर के बालों को फिर से उगाने के लिए बोटोक्स तकनीक फायदेमंद हो सकती है.

नेचर ट्रस्टेड सोर्स में प्रकाशित शोध में बताया गया है कि कैसे किसी की त्वचा में उम्र बढ़ाने वाले रंग द्रव्य पैदा करने वाली कोशिकाएं वास्तव में बालों के विकास या त्वचा के मस्से के लिए जिम्मेदार होती हैं.

त्वचा पर मौजूद तिल या मस्सों की भूमिका शोधकर्ताओं ने बालों के बढ़ने की प्रक्रिया का अध्ययन करके पाया कि ये मस्से ही पुरुष या महिला के गंजेपन के लिए जिम्मेदार होते हैं और इन्हें मॉल्यूक्युलर थेरेपी के लिए इस्तेमाल में लाया जा सकता है.

नए बालों के विकास के लिए अध्ययन इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने चूहे पर प्रयोग किया, जिसके शरीर की त्वचा पर धब्बे थे. उन्होंने कहा कि ये धब्बे चूहों में बालों के विकास का संकेत होते हैं, जबकि हमारे शरीर में मौजूद मस्से या तिल के अलग नहीं हैं.

शोधकर्ताओं की टीम ने पाया कि त्वचा में मौजूद मॉल्यूक्युल्स स्टेम सेल्स को प्रभावित करके बालों के विकास में सहायता करते हैं. चूहों में उम्र बढ़ाने के कारक पिगमेंट सेल्स दिखाई देते हैं, जो काफी मात्रा में ऑस्टियोपॉन्टिन उत्पन्न करते हैं. यह भी संकेत देने वाला मॉल्यक्युल होता है, जिसका संबंध सीडी44 से होता है.

यह एक संग्राहक है, जो बालों के बढ़ने में भूमिका निभाता है. ऑस्टियोपॉन्टिन और सीडी44 के बीच संबंध से बालों के स्टेम सेल सक्रिय होते हैं, जिसके परिणामस्वरुप बाल उगने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है.

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