दुनिया के उड़ने वाले सबसे बड़े जानवर के थे 40 फुट के पंख, मारते थे 8 फुट छलांग
जब भी विशाल काय जीवों का जिक्र होता है डायनासोर (Dinosaurs) की बात होना स्वाभाविक है
जब भी विशाल काय जीवों का जिक्र होता है डायनासोर (Dinosaurs) की बात होना स्वाभाविक है. उनके युग में बहुत बड़े जीवों की श्रेणी में धरती के यही विशालकाय जीव होते थे. लेकिन उड़ने वाले जीवों में विशालकाय जानवरों की श्रेणी में विशाल टेरेसॉर (Pterosaur) का नाम आता है. इनमें 40 फुट चौड़े पंखों वाले टेरोसॉर क्वेट्जाल्कोएटलस (Pterosaur Quetzalcoatlus) सबसे बड़े माने जाते हैं. लेकिन ये कैसे उड़ा करते थे इस पर अभी तक स्पष्ट रूप से पता नहीं चल सका था. नए अध्ययन में उनकी उड़ान के बारे में ही पता लगाया गया है.
कम जानकारी थी इनके बारे में
अभी तक टेरोसॉर के बारे में काफी कम जानकारी ही मिल पाई थी क्यों कि इनके कम ही जीवाश्म मिले थे. नए शोध में इन विशालकाय जीवों के बारे में पता चला है कि ये हवा में कम से कम 8 फुट तक छलांग मारते थे और अपने हवा में अपने पंखों से उड़ान भरा करते थे.
पांच शोधों का मिश्रण
यह अध्ययन इसी महीने सोसाइटी ऑफ वहर्टिबरेट पेलिएओन्टोलॉजी में प्रकाशित हुआ है. यह एक विस्तृत रूप में एक प्रस्तावना और पांच शोधों को मिश्रण है. ऑस्टिन की टेक्सास यूनिवर्सिटी के निदेशक और इस संकलन के सह संपादक मैथ्य ब्राउन का कहना है कि यह पहली बार है कि इस तरह की इतना विस्तृत अध्ययन प्रकाशित किया गया है.
50 साल बाद भी ज्यादा जानकारी नहीं
क्वेट्जाल्कोएटलस के बारे में 50 साल पहले से पता था, इनके बारे में जानकारी बहुत कम थी. टेक्सास यूनिवर्सिटी के इस संकलन में क्वेट्जाल्कोएटलस जीवाश्म की सभी ज्ञात जानकारी प्रदान की गई है. इस शोध में सभी क्वेट्जाल्कोएटलस की हड्डियों के अध्ययन शामिल किए गए हैं. इसमें बिग बेंड में मिले दूसरे टेरोसॉर जीवाश्म भी शामिल हैं.
दो नई प्रजातियां भी
इससे टेरोसॉर के दो नई प्रजातियों के बारे पता चला जिसमें क्वेट्जाल्कोएटलस की नई छोटी प्रजातियां भी शामिल हैं जिनके पंखों का फैलान 18 से 20 फुट तक है. ब्रायन एंड्रेस जो अपने स्तानक अध्ययन के समय से क्वेट्जाल्कोएटलस का अध्ययन कर रहे हैं, ने पोस्टडॉक्टोरल शोधकर्ता के रूप में इनका विश्लेषण किया और इन नई क्वेट्जाल्कोएटलस प्रजितयों को क्वेट्जाल्कोएटलस लॉसोनी नाम दिया है.
छोटी प्रजातियों के ज्यादा जीवाश्म
जहां बड़ी प्रजातियों के बारे में केवल कुछ ही दर्जन हड्डियों से पता चला है.छोटी प्रजातियों के सैकड़ों जीवाश्म उपलब्ध हैं. इससे वैज्ञानिकों को उनकी संरचना के बारे में पर्याप्त जानकारी मिल सकी और वे उनकी हड्डी का पूरा ढांचा विकसित कर सके. इसके बाद उन्होंने यह पता लगाया कि ये जीव कैसे उड़ा करते होंगे. इस जानकारी को उन्होंने इन क्वेट्जाल्कोएटलस के बड़े संबंधियों पर लागू करके देखा.
लंबी उड़ान वाले जीव
बर्केले की यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में एमेरिटस प्रोशप और क्यूरेटर और शोध संकलन के सह संपादक केविन पैडियान की अगुआई में हुई बायोंमैकेनिक्स शोध किया गया उन्होंने बताया कि टेरोसॉरस की छाती की हड्डियां बहुत बड़ी हुआ करती थी जहां से उनकी उड़ने वाली मांसपेशिया जुड़ी थीं. इसलिए इसमें कोई संदेह नहीं कि वे बहुत बड़ी उड़ानों वाले जीव थे.