इन '5 अक्षरों' में छिपा है सुकून की नींद का रहस्य, वैज्ञानिकों ने बताया सच

Update: 2022-05-29 12:43 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दुनिया में बहुत से लोग खर्राटों से परेशान हैं। खुद तो उन्हें खर्राटों की समस्या रहती ही है, लेकिन आसपाल के लोग उनके खर्राटों से परेशान रहते हैं। ब्रिटेन की लगभग आधी आबादी सोने के दौरान किसी न किसी समय खर्राटे लेती है। एक आंकड़े के मुताबिक ब्रिटेन की 41.5 फीसदी वयस्क आबादी सोने को लेकर संवेदनशील हैं। लेकिन खर्राटों को कम करने का उपाय है।

एक विशेषज्ञ ने दावा किया है कि खर्राटों से निजात दिलाने की ट्रिक उनके पास है। मनोवैज्ञानिक कैथरीन हॉल ने हैप्पी बेड्स के साथ साझेदारी में कहा है कि सोने से पहले अंग्रेजी वर्णमाला के स्वर (A,E,I,O,U) को जोर से दोहराना खर्राटों का समाधान हो सकता है। उन्होंने कहा कि इससे गले की मांसपेशियों को मजबूती मिलेगी और सोने के दौरान वह कंपन्न नहीं करेंगे, जो खर्राटों का प्रमुख कारण है।
क्यों आते हैं खर्राटे
खर्राटों से निजात का उपाय तो समझ में आ गया, लेकिन सवाल ये है कि खर्राटे आते क्यों हैं? खर्राटे आने के कई कारण हो सकते हैं। खर्राटे जीभ, गले, मुंह और श्वास नली के कारण हो सकता है। सांस अंदर लेने और छोड़ने पर ये कंपन करते हैं, जिससे खर्राटे आते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब आप सो रहे होते हैं तो शरीर के ये हिस्से शिथिल और संकुचित हो जाते हैं।
क्या हो सकते हैं खर्राटों के कारण
ज्यादा वजन होने पर लोगों को खर्राटों की समस्या हो जाती है। इसके अलावा स्मोकिंग, ज्यादा शराब पीने, सोने के दौरान गले पर दबाव पड़ने से लोगों को भी खर्राटे की समस्या हो जाती है। कुछ रोग होने के चलते भी खर्राटे की समस्या होती है। उदारण के लिए स्लीप एपनिया होने पर खर्राटों का जोखिम रहता है। इस समस्या में सोने के दौरान सांस रुक-रुक कर चलती है।


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