नई दिल्ली: वैज्ञानिकों ने तीन विशाल नए इक्थ्योसारस (ichthyosaurs) के जीवाश्मों (fossils) का पता लगाया है. इन जीवाश्मों में एक बेहद बड़ा दांत भी मिला है. यह डायनासोर की एक ही प्रजाति के बाकी मिले दांतों से काफी बड़ा है. इससे प्रागैतिहासिक विकास के बारे में हम बहुत कुछ जान सकते हैं.
हाल ही में, जर्नल ऑफ वर्टिब्रेट पेलियोन्टोलॉजी (Journal of Vertebrate Paleontology) में पब्लिश हुई एक स्टडी में इसके बारे में बताया गया है. यूरोप के शोधकर्ताओं की एक टीम को स्विस एल्प्स (Swiss Alps) के कोसेन फॉर्मेशन (Kössen Formation) से जीवाश्म मिले थे. कहा जाता है कि इस जगह पर शुरुआती डायनासोर (Dinosaur) पाए जाते थे.
इस विशालकाय दांत का क्राउन नहीं है. यह करीब 4 इंच लंबा है. इस दांत की जड़ किसी अन्य जलीय रेप्टाइल से दोगुनी चौड़ी है. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि यह जिस विशालकाय जीव का दांत है, उसकी लंबाई करीब 49 फीट रही होगी. यानी एक पूर्ण विकसित ब्लू व्हेल की लंबाई से लगभग आधी. शोधकर्ता इस बड़े दांत को देखकर चौंक गए, क्योंकि यह एक विशाल डायनासोर का दांत था.
जर्मनी में बॉन यूनिवर्सिटी में जीवाश्म विज्ञानी और इस शोध के मुख्य लेखक मार्टिन सैंडर का कहना है कि बड़ा हमेशा बेहतर होता है. यह जीवाश्म विज्ञान के लिए बड़ी शर्मिंदगी की बात है कि हम इन विशाल Ichthyosaurs के बारे में उनके बड़े आकार के अलावा ज्यादा कुछ नहीं जानते.
इस शोध के मुताबिक, इस दांत से Ichthyosaurs के विशालकाय आकार का अंदाजा लगता है. इससे पता चलता है कि यह Triassic Ichthyosaurs 20 करोड़ साल पहले रहते थे, जो अपने साथी डायनासोर की तुलना में काफी बड़े थे.
हालांकि, यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि यह दांत, विशाल दांतों वाले बड़े Ichthyosaurs का है या औसत आकार वाले इक्थ्योसारस का. मार्टिन सैंडर का कहना है कि ग्लेशियरों के नीचे और भी छिपे हुए विशाल समुद्री जीवों के अवशेष होने की संभावना है. जलवायु परिवर्तन और कार्बन उत्सर्जन की वर्तमान दर को देखते हुए, उनकी यह इच्छा पूरी हो सकती है.