एलियंस की जानकारी देने वाले रेडियो टेलिस्कोप तक पहुंच गई थी जंगल की आग, जानिए कैसे बचाया गया
जंगल की आग अब अंतरिक्ष के रहस्यों का खुलासा करने पर असर डाल सकती है
जंगल की आग अब अंतरिक्ष के रहस्यों का खुलासा करने पर असर डाल सकती है. क्योंकि कैलिफोर्निया की जंगली आग अब उस इलाके के नजदीक पहुंच गई है, जहां पर एलियंस को खोजने वाले रेडियो टेलिस्कोप लगे हैं. टेलिस्कोप की देखरेख करने वाले ऑब्जरवेटरी के स्टाफ और वैज्ञानिक इसे एक बड़ा खतरा बता रहे हैं. साथ ही यह भी कह रहे हैं कि ऑब्जरवेटरी को बचाने के लिए चारों तरफ पत्थरों के ढेर जमा कर दिए गए हैं, ताकि आग अंदर तक न पहुंचे.
धरती पर जलवायु परिवर्तिन की वजह से लगातार जंगल की आग, तूफानों के आने की दर और अन्य प्राकृतिक आपदाओं की संख्या बढ़ गई है. इनकी वजह से सिर्फ जान-माल का नुकसान नहीं होता बल्कि वैज्ञानिक प्रयोगों पर भी असर पड़ता है. उत्तरी कैलिफोर्निया में स्थित SETI इंस्टीट्यूट का द एलेन टेलिस्कोप एरे (ATA) इस समय चारों तरफ से जंगल की आग से घिरा हुआ है. शुक्र की बात बस ये है कि ये आग उससे करीब डेढ़ किलोमीटर दूर है.
द एलेन टेलिस्कोप एरे धरती पर अंतरिक्ष की गराइयों में झांकने की सबसे अत्याधुनिक तकनीकों में से एक है. इसने कई एलियन ग्रहों की खोज की है. 9 सितंबर को कैलिफोर्निया में लगी भयावह डिक्सी आग ने इसके 12 एंटीना को खतरे में डाल दिया था. आननफानन में ऑब्जरवेटरी के स्टाफ और वैज्ञानिकों ने प्रशासन से मदद मांग कर एंटीनों के चारों तरफ पत्थरों की घेराबंदी कराई ताकि आग वहां तक न पहुंचे।
ATA में 42 एंटीना लगे हैं. जंगल की आग की वजह से पिछले कुछ हफ्तों से बंद है. अब वैज्ञानिकों को यह उम्मीद है कि ये अगले एक-दो हफ्तों में शुरू हो सकेगा. फिर से अंतरिक्ष की गहराइयों में एलियन ग्रहों और विचित्र अंतरिक्षीय वस्तुओं की खोज कर सकेगा. इस ऑब्जरवेटरी में शामिल हैट क्रीक रेडियो ऑब्जरवेटरी के इंजीनियरिंग ऑपरेशंस मैनेजर एलेक्स पोलाक ने कहा कि अब यहां पर मौसम में बदलाव आ रहा है, इसलिए हमें यह उम्मीद है कि जल्द ही हम अपने प्रयोगों को फिर से शुरू कर सकेंगे.
द डिक्सी फायर (The Dixie Fire) कैलिफोर्निया और अमेरिका के इतिहास की सबसे बड़ी जंगली आग में शामिल है. आमतौर पर जंगल की आग पतझड़ के मौसम में ज्यादा लगती और गर्मियों तक फैलती रहती है. लेकिन इस बार यह आग भारतीय मौसम के अनुसार बरसात के समय लगी थी. हालांकि, कैलिफोर्निया में इस समय भी गर्मियों का ही सीजन चल रहा है. वहां पर उमस काफी ज्यादा है और साथ ही तापमान भी आसमान छू रहा है. इस वजह से आग रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी.
द डिक्सी फायर (The Dixie Fire) ने जुलाई के मध्य से शुरु हुई और दो महीने में इसने कैलिफोर्निया के 10 लाख एकड़ इलाके को जलाकर खाक कर दिया. एलेक्स पोलाक ने कहा कि हमें ये आशंका थी कि आग ऑब्जरवेटरी के एंटीना को नुकसान पहुंचा सकती है, इसलिए हमने प्रशासन और सरकारी मदद से ऑब्जरवेटरी के चारों तरफ पत्थरों के ढेर लगवा दिए थे. साथ ही सूखी घास और पेड़ों को कटवा कर दूर फिंकवा दिया था. हमारे लिए आग का नजारा बेहद भयावह था.
ATA ने कैलिफोर्निया के अग्निशमन विभाग और वन विभाग के साथ मिलकर ऑब्जरवेटरी को सुरक्षित रखने का पूरा प्लान बनाया था. क्योंकि अगर यहां आग लगती तो अरबों रुपयों का नुकसान हो जाता. बात सिर्फ ढांचागत नुकसान की होती तो संभाला जा सकता था लेकिन इन एंटीनों की मदद से खोजे गए एलियन ग्रहों और अंतरिक्ष के रहस्यों से संबंधित डेटा का नुकसान बर्दाश्त से बाहर हो जाता.
एलेक्स ने बताया कि हमने अगस्त महीने के आखिरी दो हफ्तों में अपने 42 एंटीनों को चारों तरफ से सुरक्षित कर दिया था. आग के समय एंटीनों के ऑपरेशंस को बंद कर दिया गया था. क्योंकि उस समय अग्निशमन विभाग और वन विभाग के कर्मचारी उच्च क्षमता वाले संचार यंत्रों का उपयोग कर रहे थे, जिनसे एंटीनों की प्रणाली को नुकसान पहुंच सकता था. इससे एलियन ग्रहों से मिलने वाले रेडियो तरंगों को रिसीव करने वाले हमारे नाजुक रिसीवर बर्बाद हो सकते थे.
एलेक्स ने कहा कि सारे एंटीनों का काम बंद नहीं था. हम बेहद न्यूनतम प्रयोग कर रहे थे. क्योंकि हमने रिसीवर को क्रायोजेनिकली ठंडा रखने की व्यवस्था की थी. अगर सारे एंटीना को बंद कर देते तो वापस सबकुछ शुरु करने में कई महीने लग जाते. हमने आग को 7 सितंबर को ऑब्जरवेटरी से कुछ दूर देखा था. तब उसकी गति धीमी थी लेकिन 9 सितंबर को उसने पास की सड़क को पार कर लिया था. इसलिए हमें ये सख्त फैसला लेना पड़ा था.
ऑब्जरवेटरी के इतने नजदीक आग पहुंचने के बाद भी यह स्थान भाग्यशाली था कि यह सुरक्षित बच गया. आमतौर पर इस ऑब्जरवेटरी पर हर दिन सिर्फ छह लोग काम करते हैं. लेकिन आग की स्थिति को देखते हुए हमने तीन लोगों के काम करने की व्यवस्था शिफ्ट में की थी. हम बेहद उत्साहित थे लेकिन यह कोई सकारात्मक उस्ताह नहीं था. हमें डर भी था और बचने की उम्मीद भी.