चांद से नील आर्मस्ट्रांग लाए थे जो धूल, उसकी 3.84 करोड़ रुपये में हुई नीलामी

Update: 2022-04-16 06:05 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | 1969 के अपोलो 11 मिशन के दौरान चंद्रमा पर उतरे नील आर्मस्ट्रांग अपने साथ जो मिट्टी लाए थे, उसकी एक नीलामी में करीब 3.84 करोड़ रुपये (504,375 डॉलर) बोली लगाई गई. दरअसल बोनहाम नीलामीकर्ताओं ने न्यूयॉर्क में अंतरिक्ष इतिहास से जुड़ी एक नीलामी में चांद की उस मिट्टी के छोटे हिस्से को बेचा, जो चांद पर पहला कदम रखने वाले नील आर्मस्ट्रांग अपने साथ लाए थे. आर्मस्ट्रांग 1969 में अपोलो 11 मिशन के दौरान जब चांद पर उतरने वाले पहले इंसान बने थे. तब वह अपने साथ याद के दौर पर इसे लेकर आए थे. फोर्ब्स के मुताबिक बोनहाम ने नीलामी से पहले इसकी कीमत का अनुमान करीब 8 से 12 लाख डॉलर के बीच किया था. लेकिन इसकी अंतिम कीमत 4 लाख डॉलर लगी. जो दूसरी चीजों के साथ जुड़कर 504,375 डॉलर तक पहुंच गई.

हालांकि इस बिक्री को लेकर हैरानी की बात है इसकी कीमत ही है क्योंकि यह उम्मीद से काफी कम है. जबकि चांद की इस मिट्टी को नासा ने सत्यापित किया था. जबकि इससे पहले अपोलो 11 में जिस बैग में चंद्रमा की मिट्टी को पैक किया गया था, वह 2017 में 1.8 मिलियन डॉलर में बेचा गया था. इस मिट्टी को लेकर काफी समय से विवाद चल रहा था. जितनी लंबी दूरी तय करके इसे आर्मस्ट्रांग धरती तक लेकर आए थे, ऐसी ही कुछ दूरी इसने नीलामी घर तक पहुंचने में तय की है. दरअसल इस मिट्टी पर स्वामित्व को लेकर चल रही लड़ाई में नासा ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था. 2015 में इस मिट्टी को मिशिगन की एक वकील नेन्सी ली कार्लसन को बेचा गया था. हैरानी की बात यह है कि इसके लिए उन्होंने महज 995 डॉलर चुकाए थे.
जब उन्होंने इसे सत्यापित करने के लिए नासा के पास भेजा तो नासा ने इसे अपोलो 11 से संबंधित होने के कारण लौटाने से इंकार कर दिया. जिसके चलते अमेरिका के अटॉर्नी ने नासा पर 2016 में संपत्ति को गलत तरीके से जब्त करने को लेकर मुकदमा किया और जीत हासिल की. हालांकि यह आज तक साफ नहीं हो सका है कि नासा ने इस मिट्टी को कैसे अपने कब्जे से बाहर निकलने दिया था. 2002 में इसके केन्सास में अंतरिक्ष संग्रहालय के सह-संस्थापक मैक्स आरे के पास होने की खबर थी. मैक्स पर कलाकृतियों को चोरी से बेचना का आरोप भी था.


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