अध्ययन में मिली चेतावनी लीवर कैंसर को बढ़ा दे रहा है बढ़ता वजन
अगर आपका वजन आपके कद के अनुरूप बहुत ज्यादा है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | अगर आपका वजन आपके कद के अनुरूप बहुत ज्यादा है तो आप एक नहीं, कई गंभीर बीमारियों के जोखिम में हैं। एक नए अध्ययन में चेतावनी दी गई है कि वजन बढ़ने से पाचन तंत्र की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। जिससे मध्यम आयु वर्ग में लीवर कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
अध्ययन के अनुसार, बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) की प्रत्येक अतिरिक्त इकाई के लिए पेट या यकृत में ट्यूमर के विकास का खतरा 13 प्रतिशत बढ़ जाता है। वहीं भोजन नली का कैंसर और अग्नाशय के कैंसर की संभावना भी क्रमशः 10 और 6 प्रतिशत बढ़ जाती है।
ब्रिटिश और स्वीडिश शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन ने यूके बायोबैंक डेटाबेस से 350,000 से अधिक लोगों का विश्लेषण किया। उन्होंने पाया कि वजन का बढ़ना कैंसर के जोखिम से जुड़ा हुआ था।
वहीं एक अन्य अध्ययन के मुताबिक, आपके बॉडी इंडेक्स मॉस में हुई प्रत्येक पांच किलोग्राम प्रति वर्गमीटर की बढ़ोतरी से पुरुषों में लीवर कैंसर होने का खतरा 38 फीसदी, जबकि महिलाओं में 25 फीसदी बढ़ जाता है
दुनिया की दो-तिहाई आबादी मोटापे से परेशान
इसमें कोई शक नहीं कि मोटापा लाइफस्टाइल से जुड़ी एक तरह की बीमारी है जिसकी वजह से शरीर में कई तरह की बीमारियां और हो जाती हैं जिसमें कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी भी शामिल है। यह स्टडी और रिसर्च एक ऐसे समय पर आई जब दुनिया की करीब-करीब दो तिहाई आबादी मोटापे की समस्या से जूझ रही है जिसमें वयस्कों के साथ-साथ बच्चों में भी मोटापे का खतरा तेजी से बढ़ रहा है।
क्या वजन कम करने से नहीं होगा कैंसर
कैंसर का खतरा कई दूसरे फैक्टर्स पर भी निर्भर करता है जिसमें वातावरण से जुड़े फैक्टर्स भी अहम भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा तंबाकू का सेवन और केमिकली प्रोसेस्ड फूड प्रॉडक्ट के सेवन से भी कैंसर का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। लेकिन मोटापा, लाइफस्टाइल से जुड़ी एक अहम समस्या है जिस वजह से कैंसर होने की आशंका भी बढ़ जाती है। लिहाजा वजन कम करना सिर्फ इसलिए ही जरूरी नहीं कि ताकि आप अच्छे दिखें और अच्छे कपड़े पहन सकें बल्कि इसका बहुत हद से संबंध आपकी सेहत से भी है।
उपचार ने चूहों से वसा को निकाला:
वैज्ञानिकों द्वारा वजन घटाने वाला एक नया उपचार खोजा गया है। इस उपचार ने चूहों का पसीना निकाला और वसा को कम कर दिया। वैज्ञानिकों का कहना है कि मोटापे से निपटने के लिए इसका इस्तेमाल मनुष्यों पर भी किया जा सकता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि प्रतिरक्षा प्रणाली को लक्षित करके पेट की चर्बी को कम करना संभव है। उन्होंने साइटोकाइन थाइमिक स्ट्रोमल लिम्फोपोइटिन (टीएसएलपी) के साथ चूहों का इलाज करने के बाद खोज की। यह एक प्रकार का प्रतिरक्षा प्रणाली प्रोटीन है, जिसके कारण वसा और वजन कम हुआ।