बच्चों में फैल रहा गंभीर हेपेटाइटिस, क्या एडेनोवायरस है वजह?

Update: 2022-05-01 15:30 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। किंग्सटन अपॉन हल (ब्रिटेन), एक मई (द कन्वरसेशन) दुनियाभर के 12 देशों में 21 अप्रैल तक बच्चों में ''अज्ञात किस्म के गंभीर हेपेटाइटिस'' के 169 मामले सामने आए हैं, जिनमें से सबसे ज्यादा 114 मामले ब्रिटेन में सामने आए। पीड़ित बच्चों में से कई की आयु 10 वर्ष से कम है।

स्वास्थ्य पेशेवर इन युवाओं में रोग की गंभीरता को लेकर सबसे अधिक चिंतित है, जिन्हें आमतौर पर स्वस्थ माना जाता है। इनमें से 17 बच्चों को यकृत प्रतिरोपण की जरूरत पड़ी है जबकि एक बच्चे की यकृत के काम करना बंद करने के बाद मौत हो गई।
पिछले वर्षों की समान अवधि की तुलना में इस बार प्रतिरोपण मामलों की संख्या काफी अधिक है। ये ताजा आंकड़े अभूतपूर्व हैं और अभी तक इनकी आंशिक रूप से व्याख्या की गई है। एक संदेह यह भी है कि यह एडेनोवायरस से फैला संक्रमण है।
ब्रिटेन की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी के अनुसार एडेनोवायरस ब्रिटेन में सबसे आम है और जिन 53 लोगों की जांच की गई है, उनमें से 40 में यह संक्रमण पाया गया है। एजेंसी ने कहा है कि ''जांच से पता चलता है कि हेपेटाइटिस के गंभीर मामलों में वृद्धि का संबंध एडेनोवायरस से हो सकता है लेकिन अन्य कारणों का भी सक्रिय रूप से पता लगाया जा रहा है।''
क्या है एडेनोवायरस ?
एडेनोवायरस, वायरस का एक बड़ा समूह है जो जानवरों के साथ-साथ मनुष्यों को भी बड़े पैमाने पर संक्रमित कर सकता है। इनको यह नाम एडेनोइड्स (छाले) से मिला है।
एडेनोवायरस के कारण कोई मनुष्य ज्यादातर समय हल्की बीमारी से पीड़ित रहता है। इस वायरस की कुछ प्रजातियां श्वसन जैसी बीमारियों का कारण बनती हैं, जिनमें बच्चों और शिशुओं में होने वाली क्रूप नामक बीमारी शामिल है।
बच्चों में गंभीर हेपेटाइटिस के जिस प्रकोप को देखा जा रहा है, उसे एडेनोवायरस का उप प्रकार-41 कहा जाता है। अब तक इस वायरस के कम से कम 74 मामले सामने आ चुके हैं। इसमें रोगी कई तरह की बीमारियों से ग्रस्त रहता है।
स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली वाले बच्चों और वयस्कों में, एडेनोवायरस केवल थोड़ी परेशानी पैदा करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप एक या दो सप्ताह में एक बीमारी पैदा हो सकती है। एडेनोवायरस से हुए वायरल हेपेटाइटिस संक्रमण को पहले केवल एक दुर्लभ रोग माना जाता था। मामलों की संख्या और बच्चों में बीमारी की गंभीरता को देखते हुए, वैज्ञानिक तत्काल प्रकोप के कारणों की जांच कर रहे हैं। लिहाजा, जब तक वैज्ञानिक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच जाते तब तक हेपेटाइटिस के इस गंभीर संक्रमण के बारे में केवल अनुमान ही लगाए जा सकते हैं।


Tags:    

Similar News