वैज्ञानिकों ने मरे हुए घड़ियाल को महासागर में फेंका, आखिर किसे खोज रहे वैज्ञानिक?

धरती का ज्यादातर हिस्सा महासागरों से ढका है लेकिन पानी के नीचे वाली दुनिया की गहराई में कौन रहता है

Update: 2021-09-18 17:07 GMT

धरती का ज्यादातर हिस्सा महासागरों से ढका है लेकिन पानी के नीचे वाली दुनिया की गहराई में कौन रहता है, यह आज भी एक बड़ा रहस्य है। इस खोज के लिए वैज्ञानिकों ने मरे हुए घड़ियाल को महासागर में फेंक दिया। दिलचस्प बात यह रही कि इस घड़ियाल को पानी के नीचे किसी ने खा भी लिया, लेकिन किसने? लूइजियाना यूनिवर्सिटी के मरीन कन्सोर्टियम के दो वैज्ञानिकों ने तीन मरे हुए घड़ियाल मेक्सिको की खाड़ी में एक मील नीचे फेंक दिए।

हड्डियां तक साफ
क्लिफ्टन नूनली ने बताया कि महासागर के अंदर खाद्य श्रृंखला को समझने के लिए इन्हें 6600 फीट नीचे 51 दिन के लिए फेंका गया। उन्होंने पाया कि एक घड़ियाल एक दिन के अंदर गायब हो गया था। पानी में रहने वाले स्कैवेंजर्स ने उसे उम्मीद से भी तेज खा डाला। दूसरा घड़ियाल कुछ दिन तक रहा लेकिन 51 दिन के आखिर में उसकी हड्डियां साफ की जा चुकी थीं।
रही होगी अनोखी प्रजाति
रिसर्चर्स का मानना है कि एक नए तरीके का जीव नीचे होगा जो हड्डियों वाले हिस्से खाता है। दूसरा घड़ियाल तो दिखा ही नहीं। वह जहां गिरा था, वहां सिर्फ एक गड्ढा था और जिस वजन के साथ उसे बांधकर नीचे फेंका गया था, वह कुछ दूर पर पड़ा था। रिसर्चर्स का मानना है कि उसे किसी बहुत बड़ी शार्क मछली या स्क्विड ने शिकार बनाया होगा लेकिन वह भी कोई अनोखी प्रजाति होगी।
मिला था पारदर्शी ऑक्टोपस
सागरों की गहराई में अजीबोगरीब जीव मिलते रहते हैं। एक अभियान के दौरान वैज्ञानिकों को प्रशांत महासागर में फोनिक्‍स द्वीप के पास एक शीशे की तरह से पारदर्शी ऑक्‍टोपस दिखाई दिया था। इस ऑक्‍टोपस का असली नाम Vitreledonella richardi है और इसका कुछ ही हिस्‍सा दिखाई देता है। इस ऑक्‍टोपस की प्रकाश संबंध नसें, आंखें और पचाने वाले तंत्र को ही केवल देखा जा सकता है। इसकी वजह से इस जीव को देखना पूरी दुनिया में दुर्लभ माना जाता है। इससे पहले तक वैज्ञानिकों को पारदर्शी ऑक्‍टोपस के बारे में जानने के लिए नमूने का इस्‍तेमाल करना होता था।
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