जनता से रिश्ता वेबडेस्क | ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति (Origin of Uinverse) के अध्ययन में लगे वैज्ञानिकों अब पुरातन समय के पिंडों के संकेत मिल रहे हैं. ये वे पिंड हैं जो ब्रह्माण्ड के निर्माण शुरू होने के समय या उसके थोड़े ही समय बाद बने थे. हाल ही में खगोलविदों ने ऐसी गैलेक्सी की खोज की जिसकी पृथ्वी पर पहुंचने वाली रोशनी ने 13 अरब साल से भी ज्यादा समय का सफर किया था. अब वैज्ञानिकों को एक सुपरमासिव ब्लैक होल का पुरातन पूर्वज (Ancestor of Supermassive Black Hole) मिला है जो खगोलीय सुबह (Cosmic Dawn) के समय का पिंड है यानि ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति के कुछ ही समय बाद का है. इस पिंड में गैलेक्सी और क्वेजार के बीच में स्थित है.
खगोलीय सुबह के समय का जन्म
कोपेनहेगन यूनिवर्सिटी के नील बोर इंस्टीट्यूट और डेनमार्क की तकनीकी यूनिवर्सिटी के खगोलभौतिकविदों ने खुलासा किया है कि यह पिंड बिग बैंग की घटना के केवल 75 करोड़ साल बाद पैदा हुआ था. चूंकि बिग बैंग की घटना 13.8 अरब साल पहले हुई थी. कहा जा रहा है कि यह पिंड खगोलीय सुबह के समय पैदा हुआ था.
एक बहुत बड़ी चुनौती और पहेली बन गया है ये
नेचर जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में कहा गया है कि शुरुआती ब्रह्माण्ड में सुपरमासिव ब्लैक होल की उत्पत्ति और विकास कैसे हुआ यह जानना एक बहुत बड़ी चुनौती बन गई है क्योंकि यह क्वेजार जितना चमकीला पिंड बिग बैंगके केवल 70 करोड़ साल बाद ही अस्तित्व में है जिसका मतलब है कि यह बिग बैंग के पहले ही बना सका होगा. इससे साफ है कि खगोलविदों को किसी अहम जानकारी का अभाव है.
बहुत तेजी से तारों का निर्माण
नासा के मुताबिक सुपरमासिव ब्लैक होल सूर्य के बार से अरबों नहीं तो कम से कम करोड़ों गुना ज्यादा भारी होंगे जो विशालकाय गैलेक्सी के केंद्र या उसके आसपास स्थित होते हैं. इस पिंड का नाम GNz7q दिया गया है जो एक ऐसी गैलेक्सी में स्थित है जो हमारी मिल्की वे गैलेक्सी से 1600 गुना ज्यादा तेजी से तारों का निर्माण कर रही है. इसमें तारों से खगोलीय धूल बनकर गर्म हो रही हैजिससे इससे इंफ्रारेड तरंगों की चमक निकल रही है. इससे यह खगोलीय सुबह के दौर का सबसे चमकीला पिंड बन गया है.
Space, Black Hole, Big Bang, Universe, Supermassive Black Hole, Supermassive Black Hole ancestor, Origin of Universe, Ancestor of Supermassive Black Hole, Quasars, ब्रह्माण्ड के शुरुआती समय में इतनी जल्दी सुपरमासिव ब्लैक होल (Supermassive Black Hole) का बनना वैज्ञानिकों के लिए बहुत ही बड़ा रहस्य बन गया है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: shutterstock)
क्वेजार और सुपरमासिव ब्लैक होल
खगोलविदों को यह रहयमयी पिंड तब मिला जब वे हबल स्पेस टेसीस्कोप के आंकड़ों का अध्ययन कर रहे थे. उन्होंने कहा था कि इस रहस्यमयी खोज का संबंध एक खास तरह के क्वेजार से संबंधित है जो गैलेक्सी के केंद्र या उसके आसपास मिलते हैं. चमकीले क्वेजार को सुपरमासिव ब्लैक होल से शक्ति मिलती है जिनका भार करोड़ों से लेकर अरबों सौर सूर्य के बराबर होता है.
इतनी जल्दी कैसे बन गए ऐसे पिंड
वैज्ञानिकों को लिए यह रहस्य गहरता जा रहा है कि ब्रह्माण्ड की शुरुआत में सुपरमासिव ब्लैक होल इतनी जल्दी कैसे बन गए हैं. कुछ वैज्ञानिकों का मत है कि ये ब्लैक होल तेजी से विकसित होने की प्रक्रिया से गुजरे होंगे. इससे गलैक्सी से धूल भरे जटिल पिंड बने होंगे जो एक चमकीले और गठीले पिंड में बदल गए होंगे.
किस दिशा में मिला यह पिंड
खगोलविदों का कहना है कि GNz7q एक बहुत गहराई से अध्ययन किए जाने वाले आकाशीय क्षेत्र के बीच मिला है जिसे हबल गुड्स नॉर्थ फील्ड कहते हैं. इस पिंड की खोज पहला ऐसा प्रमाण है जो धूल भरे तारीय क्रोड़ में तेजी से विकसित हो रहे ब्लैक होल का संक्रमण काल दिखा रहा है. यह संक्रमण काल भी बहुत तेज गति से चल रहा है.
वैसे तो इस टीम ने हबल के अलावा दूसरे टेलीस्कोप के आकंड़ों की भी मदद ली है, लेकिन अब शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि नासा और अन्य स्पेस एजेंसी का जेम्सवेब स्पेस टेलीस्कोप से काफी उम्मीदें हैं उन्हें इस टेलीस्कोप के जरिए ऐसे संकेत मिल सकेंगे जो अन्य कोई भी स्पेस टेलीस्कोप पकड़ने में सक्षम नहीं हैं. इसमें धुंधले हो चुके प्रकाश विशेष तौर पर शामिल हैं. इसलिए जेम्स टेलीस्कोप इस पिंड के बारे और जानकारी दे सकेगा.