कोरोना वायरस पर वैज्ञानिकों ने कहा- कोविड के मामलों में आई हालिया तेजी चौथी लहर नहीं, लेकिन सतर्कता जरूरी

देश के कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में एक बार फिर तेजी दर्ज की जा रही है

Update: 2022-04-20 16:11 GMT

देश के कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में एक बार फिर तेजी दर्ज की जा रही है। इस बीच देश के एक शीर्ष वैज्ञानिक ने कहा है कि मामलों की संख्या बढ़ने से महामारी की चौथी लहर आने की संभावना नहीं है

समाचार एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार आईसीएमआर के पूर्व मुख्य वैज्ञानिक डॉ. आर गंगाखेड़कर ने बुधवार को कहा कि भारत में कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट के सब वैरिएंट हैं लेकिन अभी तक कोई नया वैरिएंट सामने नहीं आया है।
उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि यह किसी भी तरह से चौथी लहर है। हमें एक बात समझनी होगी कि पूरी दुनिया बीए.2 वैरिएंट से प्रभावित हो रही है, जो लोगों को रोज संक्रमित कर रहा है। इसका मतलब यह नहीं है कि यह कोरोना की चौथी लहर है।'
डॉ. गंगाखेड़कर ने आगे कहा कि स्कूल-कॉलेजों के खुलने की वजह से लोग सामाजिक रूप से सक्रिय हुए हैं जिसके परिणामस्वरूप मामले बढ़ रहे हैं। मास्क पहनने की अनिवार्यता को समाप्त करना भी मामलों में तेजी आने का एक अहम कारण है।
मास्क की अनिवार्यता हटाने का गलत अर्थ निकाल रहे कुछ लोग
उन्होंने कहा कि यह सच है कि हम में से कुछ लोगों ने मास्क पहनने के नियम को गलत तरीके से समझा है। इसे नियम को हटाए जाने का मतलब यह नहीं है कि अब संक्रमण का कोई डर नहीं रहा है और अब हम अधिक आजादी के साथ घूम सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि लॉकडाउन में ढील देने पर मामलों में तेजी देखने को मिलेगी। जिनकी आयु अधिक है, जिन्होंने टीका नहीं लगवाया है, जो संक्रमित हो चुके हैं, उन्हें यह ध्यान रखने की जरूरत है कि वह सार्वजनिक स्थानों पर जाएं तो मास्क जरूर पहनें।
स्कूल-कॉलेजों को एक बार फिर बंद करना सही कदम नहीं होगा
वहीं, स्कूलों को फिर से बंद करने के सवाल पर डॉ. गंगाखेड़कर ने कहा कि हमें यह कदम नहीं उठाना चाहिए। इससे छात्रों की शिक्षा के साथ पूरे विकास पर असर पड़ेगा। 12 वर्ष से अधिक आयु के ऐसे छात्रों को जिनका प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर है, उन्हें जल्द से जल्द टीके की खुराक लगवानी चाहिए। इससे वह संक्रमण से सुरक्षित रहेंगे।
अजय कुमार सूद बने प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार
अजय कुमार सूद को सरकार का प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार नियुक्त किया गया है। कार्मिक मंत्रालय ने बुधवार को जारी आदेश में यह जानकारी दी। सूद प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली विज्ञान, प्रौद्योगिकी और इनोवेशन सलाहकार परिषद के सदस्य थे। उन्हें प्रसिद्ध जीव विज्ञानी के विजय राघवन की जगह नियुक्त किया गया है। उनका कार्यकाल तीन साल का होगा।

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