वैज्ञानिकों ने बनाया दुनिया का सबसे सफेद पेंट, जानिए खासियत
अमेरिकी वैज्ञानिकों ने दुनिया का सबसे सफेद पेंट बनाया है
अमेरिकी वैज्ञानिकों ने दुनिया का सबसे सफेद पेंट बनाया है। इसी खूबी के कारण इसका नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। इसे तैयार करने वाले पड्रूयू यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जिउलिन रुआन का कहना है, यह पेंट ग्लोबल वार्मिंग से लड़ने में कारगर साबित हो सकता है। यह पेंट इतना सफेद है कि इससे रंगी हुई दीवार पर पड़ने वाली सूरज की किरणों को 95.5 फीसदी रिफ्लेक्ट यानी परावर्तित कर देता हैँ।
ऐसे कमरे को कर सकेंगे ठंडा
इसे तैयार करने वाले शोधकर्ताओं के समूह का कहना है, इस पेंट को बिल्डिंग की छत और उसके किनारे की दीवारों पर पेंट कर सकते हैं। यह पेंट दीवारों के अंदरूनी हिस्सों को प्राकृतिक तौर पर ठंडा रखेगा।
रिसर्च के मुताबिक, सूरज की सबसे ज्यादा तेज किरणें किसी भी बिल्डिंग या घर की छत पर पड़ती हैं। यह पेंट इन किरणों को परावर्तित कर देगा। ऐसा होने पर महंगे एयरकंडीशनर की जरूरत नहीं पड़ेगी। एयर कंडीशनर का ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन में बड़ा रोल होता है। जो पर्यावरण के लिए खतरा है।
सस्ता और आसानी से तैयार हो सकेगा पेंट
शोधकर्ताओं का कहना है, इस पेंट में कैल्शियम कार्बोनेट है। यह केमिकल लाइमस्टोन और चॉक में पाया जाता है। इस पेंट में कैल्शियम कार्बोनेट काफी मात्रा में इस्तेमाल किया गया है। यह रसायन सस्ता होता है, इसलिए इस पेंट को बड़े स्तर पर सस्ती कीमत में उपलब्ध कराना आसान हो सकेगा।
रुआन कहते हैं, कमर्शियल पेंट के मुकाबले हमारा पेंट सस्ता है और इसे तैयार करना भी आसान है। यह दीवारों पर लम्बे समय तक टिक भी सकता है।
यहां भी इस्तेमाल कर सकेंगे पेंट
रुआन के मुताबिक, यह कूलिंग पेंट है। इसे दीवारों के अलावा कारों और टावर पर भी पेंट किया जा सकेगा। हालांकि, यह सर्दियों के मौसम में समस्या पैदा कर सकता है और कमरों को गर्म होने से रोक सकता है। यह पेंट 18 डिग्री तक कमरे का तापमान कम कर सकता है।
ऐसे बनाया गया पेंट
प्रोफेसर रुआन के मुताबिक, सात साल पहले हमने इस प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू किया था तो हमारे दिमाग में ऊर्जा की बचत और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दे थे। इस पेंट में उच्च मात्रा में बेरियम सल्फेट मिलाया गया है जिसका इस्तेमाल फोटो पेपर और ब्यूटी प्रोडक्ट को सफेद बनाने में किया जाता है। इसके अलावा इसमें बेरियम सल्फेट के सभी कण अलग-अलग आकार के होते हैं और प्रत्येक कण अलग-अलग मात्रा में प्रकाश परिवर्तित करता है। कण जितना बड़ा होगा उतना ज्यादा प्रकाश परिवर्तित करेगा।