मंगल पर जीवन की तलाश में जुटे वैज्ञानिक, पर सौर मंडल में मौजूद इस चांद के जमीन के नीचे बहता है समुद्र
दुनियाभर के वैज्ञानिक मंगल ग्रह (Mars) पर जीवन की तलाश में जुटे हुए हैं
दुनियाभर के वैज्ञानिक मंगल ग्रह (Mars) पर जीवन की तलाश में जुटे हुए हैं. NASA का परसिवरेंस रोवर जेजेरो क्रेटर के पास प्राचीन जीवन की तलाश शुरू करने वाला है. वहीं, हमारे सौर मंगल (Solar System) में एक जगह ऐसी है, जहां जीवन की संभावना मंगल ग्रह से ज्यादा है. दरअसल, हम बात कर रहे हैं हमारे सौर मंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति (Jupiter) के यूरोपा चांद (Europa) की. बृहस्पति के पास कुल 79 चांद है, लेकिन वैज्ञानिकों के बीच सबसे ज्यादा चर्चा यूरोपा की होती है. इसके पीछे की वजह ये है कि वैज्ञानिकों का मानना है कि यूरोपा की सतह पर बर्फ के रूप में पानी मौजूद है. इस बात के भी पुख्ता सबूत हैं कि यूरोपा की बर्फ की सतह के नीचे तरल पानी मौजूद है.
साल 1979 में दो वोयजर अंतरिक्ष यान बृहस्पति ग्रह के पास से गुजरे. इस दौरान पहली बार इस बात के सबूत मिले कि यूरोपा पर तरल पानी हो सकता है. फिर गैलीलियो अंतरिक्ष यान और अंतरिक्ष दूरबीनों के जरिए की गई जांच ने वैज्ञानिकों को संकेत दिया कि यूरोपा पर समुद्र की मौजूदगी है. वैज्ञानिकों का मानना है कि यूरोपा पर 15 से 25 किलोमीटर मोटी बर्फ की चादर बिछी हुई है. फिर इसके नीचे 60 से 150 किलोमीटर गहरा समुद्र मौजूद है. यूरोपा के समुद्र को लेकर माना जाता है कि पृथ्वी के बाद अगर कहीं दूसरी जगह जीवन हो सकता है तो इसके यूरोपा पर होने की संभावना है.