वैज्ञानिकों की तलाश जारी: क्या कुत्ते से इंसान में आया कोरोना वायरस का ब्रिटिश वैरिएंट?
कोरोना वायरस का जो वैरिएंट (संस्करण) सबसे पहले ब्रिटेन में दिखा।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: कोरोना वायरस का जो वैरिएंट (संस्करण) सबसे पहले ब्रिटेन में दिखा, क्या वह कुत्ते से मनुष्य में आया? चीनी वैज्ञानिकों ने अपने एक अध्ययन के बाद ये संभावना जताई है। इस वेरिएंट को बी-117 नाम दिया गया है। इसके कारण कई देशों में कोरोना महामारी की नई लहर आई है। शंघाई स्थित अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि अपने अध्ययन के दौरान वे कई देशों से इकट्ठे किए गए इंसानी सैंपल में इस वैरिएंट के लक्षण पाने में नाकाम रहे। इसके बाद उन्होंने अपने अध्ययन का दायरा बढ़ा कर उसमें पशुओं को भी शामिल किया। तब उन्हें कुत्तों में बी-117 के कुछ शुरुआती रूप देखने को मिले। उनमें एक सैंपल ब्रिटेन का था, जिसे पिछले साल जुलाई में लिया गया था।
चीन की एक प्रमुख कोशिका जीव विज्ञान संबंधी सरकारी प्रयोगशाला में प्रोफेसर चेन लुओनान और उनके सहकर्मियों ने अपनी अध्ययन रिपोर्ट में लिखा है कि ऐसे वायरस के म्यूटेशन कैनिडे (श्वान) परिवार में देखने को मिले हैं और मुमकिन है कि उनका वहां से इंसान में संक्रमण हुआ हो। दुनिया भर के वैज्ञानिक बी-117 वैरिएंट के सामने आने से हैरत में हैं। इंग्लैंड के लंदन और केंट में दो मरीजों में पिछले सितंबर में इस वैरिएंट को पाया गया था। उसके बाद यह ब्रिटेन में संक्रमण फैलाने वाला मुख्य कोरना वायरस बन गया। फिर कई और देशों में यह फैल गया। देखा गया कि यह कोविड-19 के पुराने रूप की तुलना में अधिक तेजी से संक्रमण फैलता है।
कुछ विशेषज्ञों ने संभावना जताई है कि ब्रिटेन के कुछ स्थानीय समुदायों में एंटी-वायरल दवाओं के प्रभाव के कारण इस वैरिएंट की उत्पत्ति हुई होगी। महामारी के पहले दौर के समय बहुत से लोग एंटी वायरल दवाएं ले रहे थे। एक सिद्धांत के मुताबिक इस वैरिएंट की अचानक ब्रिटेन में उत्पत्ति हुई। फिर यह तेजी से दुनिया के दूसरे हिस्सों में फैल गया। इस वैरिएंट के अलग-अलग प्रकार के नौ म्युएटेशन पाए गए हैं। चेन और उनके सहयोगियों का कहना है कि मनुष्य में पैदा होने वाले किसी वायरस स्ट्रेन के नौ रूप सामने आए हों, ऐसा पहले नहीं देखा गया है।