वैज्ञानिकों का दावा, यदि मसूडों में दिक्कत हो तो ऐसे मरीजों में हो सकती है कोविड होने पर 4.5 गुना तक वेंटिलेटर सपोर्ट लेने की आशंका

यह दावा कनाडा की मैकगिल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अपनी रिसर्च में किया है

Update: 2021-05-26 10:54 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मसूड़ों की बीमारी से जूझ रहे मरीजों को कोरोना होने पर मौत का खतरा 8.8 गुना तक है। संक्रमण होने पर ऐसे मरीजों के हॉस्पिटल में भर्ती होने की आशंका सामान्य मरीजों के मुकाबले 3.5 गुना अधिक रहती है। यह दावा कनाडा की मैकगिल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अपनी रिसर्च में किया है। शोधकर्ताओं का कहना है, मसूडों में दिक्कत रहती है तो कोविड होने पर ऐसे मरीजों को वेंटिलेटर सपोर्ट लेने की आशंका 4.5 गुना तक रहती है।


ओरल हेल्थ बिगड़ने से इन रोगों का खतरा भी बढ़ता है
हडि्डयों के रोग: द एकेडमी ऑफ जनरल डेंटिस्ट्री का दावा है कि मसूड़ों में सूजन, ब्लीडिंग और कमजोर मसूड़ों से हड्डियां कमजोर हो सकती हैं, स्किन पर बुरा असर पड़ता है। नतीजा, अधिक उम्रदराज दिखता है।
दिल को खतरा: मसूड़ों की समस्या से पीड़ित लोगों में हृदय की धमनियों से जुड़ी समस्याओं का खतरा लगभग 2 गुना होता है। दिल की कार्य प्रणाली भी अनियमित होने का खतरा अधिक रहता है।
अल्जाइमर: नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश रिसर्च कहती है, जबड़ों से जुड़ी क्रेनियल नर्व या ब्लड सर्कुलेशन के जरिए से ओरल बैक्टीरिया मस्तिष्क तक पहुंच सकते हैं, जिससे अल्जाइमर्स का खतरा बढ़ता है।
कैंसर: जर्नल ऑफ नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट में पब्लिश रिसर्च में पाया गया कि मसूड़ों से संबंधित बीमारी से पीड़ित पुरुषों में पैन्क्रियाटिक कैंसर होने की आशंका 33 प्रतिशत अधिक होती है।


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