वैज्ञानिक खोज रहे एक सुपरमासिव ब्लैकहोल, जानें क्यों

आमतौर पर सुपरमासिव ब्लैकहोल (Supermassive Black Hole) किसी गैलेक्सी (Galaxy) के केंद्र में पाए जाते हैं.

Update: 2020-12-19 16:27 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आमतौर पर सुपरमासिव ब्लैकहोल (Supermassive Black Hole) किसी गैलेक्सी (Galaxy) के केंद्र में पाए जाते हैं. वैज्ञानिकों को मिली अब तक जानकारियों के मुताबिक उनका मानना है कि गैलेक्सी के केंद्र (Center of Black Hole) में ब्लैक होल नहीं हो यह संभव ही नहीं हैं. लेकिन हैरानी की बात तब हुई जब एक गैलेक्सी के केंद्र में उन्हें ब्लैकहोल दिखा ही नहीं. तब से खगोलविद इस 'गुमशुदा गैलेक्सी' (Missing Black Hole) की खोज में लगे हुए हैं.


कई मत आ रहे हैं सामने
स्थिति यह है कि वैज्ञानिक यह मानने को तैयार है कि गैलेक्सी उन्हें दिख नहीं रही है, लेकिन वे यह मानने की स्थिति में नहीं हैं कि ब्लैकहोल वहां मौजूद ही नहीं होगा. अब उन्नत तकनीकों के बाद भी दिखाई न दिए जाने वाले ब्लैकहोल के गायब होने के कई मत (Theories) सामने आ रही हैं जिनमें इस ब्लैकहोल के न दिखने या गायब होने की व्याख्या की गई है.

किस गैलेक्सी का है यह मामला
एक सुपरमासिव ब्लैकहोल (SMBH) में करोड़ो अरबों सूर्य के बराबर का भार होता है. लेकिन फिर भी गैलेक्सी क्लस्टर अबेल (Abell) 2261 के केंद्र का ब्लैकहोल नहीं पकड़ सके हैं. जबकि वे किसी गैलेक्सी के केंद्र का ब्लैकहोल आसानी से पकड़ लेते हैं. 2.7 अरब प्रकाशवर्ष दूर स्थित इस गैलेक्सी का भार 3 से 100 अरब सूर्य के बराबर है.

नासा ने दिखाई तस्वीरें
नासा ने हबल टेलीस्कोप और चंद्रा एक्स रे ऑबजर्वेटरी के आंकड़ों का उपयोग किया लेकिन फिर भी ब्लैकहोल को खोजने में नाकाम रहे. नासा ने अबेल 2261 गैलेक्सी क्लस्टर की तस्वीर भी जारी की है. नासा ने अपने ब्लॉग में विस्तार से बताया है कि तस्वीर में 'हबल और सुबारू टेलीस्कोप से मिले ऑप्टिकल आंकड़े गैलेक्सी क्लस्टर दिखा रहे हैं और चंद्रा एक्स रे आंकड़े इस क्लस्टर में छाई गर्म गैसे को दर्शा रहे हैं जो गुलाबी रंग की दिखाई दे रही है. इन तस्वीरों के बीच मे क्लस्टर के केंद्र में विशाल अंडाकार गैलेक्सी दिख रही है.
क्यों होना चाहिए वहां एक ब्लैकहोल
गैलेक्सी के केंद्र में स्थित ब्लैकहोल के भार का गैलेक्सी के वजन से संबंधित होता है और इसी लिए खगोलविद अबेल 2261 के केंद्र में एक सुपरमासिव ब्लैकहोल के होने की उम्मीद कर रहे हैं. उनका मानना है कि यह ब्लैकहोल पूरे ब्रह्माण्ड में सबसे विशाल ब्लैकहोल होना चाहिए. लेकिन इस ब्लैकहोल की गैरमौजूदगी उन्हें हैरान कर रही है.



यह संभावना हो सकती है
1999 और साल 2004 के बीच मिले चंद्रा के आंकड़े इस मामले में रास्ता नहीं दिखा पाए थे. लेकिन इस बार वैज्ञानिकों ने चंद्रा के ही 2018 में जमा किए आंकड़ों का अवलोकन किया और उन्हें एक संभावित कारण भी मिला. उनके मुताबिक ब्लैकहोल गैलेक्सी के केंद्र से निकल गया होगा. लेकिन ऐसी बड़ी घटना बिना दो गैलेक्सी के विलय के संभव नहीं हैं. उस स्थिति में हर गैलेक्सी का ब्लैकहोल दूसरे ब्लैकहोल से मिलकर एक बड़ा ब्लैकहोल बना लेगा.
यदि ब्लैक होल का विलय हुआ हो तो उन्होंने पूरे ब्रह्माण्ड में गुरुत्व तरंगें भेजी होंगी. और यदि ये तरंगें एक दिशा में ज्यादा ताकतवर हों तो यह संभावना है कि ब्लैकहोल दूर चला गया होगा. इस मामले में उन्नत उपकरण कुछ और प्रकाश डाल सकते हैं. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि आने वाले समय में प्रमाणिक जानकारी मिल सकेगी.


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