The Sun के मुताबिक इगोर ने बताया कि यह मिसाइल यूक्रेन की राजधानी कीव से करीब 187 किलोमीटर दूरी उत्तर-पूर्व में स्थित शेर्निहिव राज्य (Chernihiv State) के निजिन शहर (Nizhyn City) में जाकर गिरी. निजिन शहर में यूक्रेनी सेना की बख्तरबंद गाड़ियों की मरम्मत होती रही है. उसे खत्म करना जरूरी था, इसलिए काले सागर में स्थित युद्धपोत से हमने कैलिबर क्रूज मिसाइल (Kalibr Cruise Missile) दागकर इस शहर में मौजूद मरम्मत के ठिकानों को नष्ट कर दिया।
इगोर ने बताया कि कैलिबर क्रूज मिसाइल (Kalibr Cruise Missile) को काले सागर और कैस्पियन सागर से लॉन्च किया गया था. जबकि किंझाल हाइपरसोनिक मिसाइल (Kinzhal Hypersonic Missile) को क्रीमिया के ऊपर एक लड़ाकू विमान से दागा गया. इन दोनों ही मिसाइलों ने यूक्रेन के कोस्तायांतिनिवका और मिकोलेव इलाके में ईंधन, लूब्रीक्रेंट्स के डिपो को उड़ाया. यहां पर सैन्य वाहनों की मरम्मत भी होती थी.
कैलिबर क्रूज मिसाइल (Kalibr Cruise Missile) को 3M-54 Kalibr भी कहा जाता है. इसके अलावा इसके कई नाम है. ये नाम इसके वैरिएंट्स के आधार पर तय किए गए हैं. इसे रूसी हथियार निर्माता कंपनी नोवातोर डिजाइन ब्यूरो ने बनाया है. यह 1994 से रूसी सेना में अपनी सेवाएं दे रही हैं. इसके अलग-अलग वैरिएंट्स हैं, जिनका वजन 1300 किलोग्राम से लेकर 1780 किलोग्राम और सबसे भारी 2300 किलोग्राम की मिसाइल है. वैरिएंट्स के आधार पर ही इनकी लंबाई और व्यास भी बदलता रहता है.
कैलिबर क्रूज मिसाइल (Kalibr Cruise Missile) के कुल मिलाकर सात प्रमुख वैरिएंट्स हैं. पहला- क्रूज मिसाइल, दूसरा- एंटी शिप मिसाइल, तीसरा- एंटी-सबमरीन मिसाइल, चौथा- सबमरीन लॉन्च्ड क्रूज मिसाइल, पांचवां- एयर लॉन्च्ड क्रूज मिसाइल, छठा- लैंड अटैक मिसाइल और सातवां जमीन से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल. हर वैरिएंट्स में 400 से 500 किलोग्राम वजन के हथियारों को ले जाया जा सकता है.
कैलिबर क्रूज मिसाइल के वैरिएंट्स अलग-अलग रेंज के हैं. 91RE1: 50 km, 3M-54E: 220 km, 3M-54E1/3M-14E: 300 km, 3M-54/3M-54T: 660 km, 3M-14/3M-14T: 1,500–2,500 km और Kalibr-M (under development): 4,500 km. यह आमतौर पर 1000 मीटर यानी एक किलोमीटर की ऊंचाई पर उड़कर दुश्मन पर हमला करता है.
कैलिबर मिसाइल की गति अधिकतम 2.9 मैक है. यानी 3580 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार. लेकिन रूस ने जिस कैलिबर मिसाइल से यूक्रेन पर हमला किया है, उसकी गति ध्वनि से पांच गुना ज्यादा बताई जा रही है. यानी वह कैलिबर-एम मिसाइल है. जिसे लेकर रूस दावा कर रहा है कि यह मिसाइल अब भी बन रही है. उसके परीक्षण नहीं हुए हैं. अगर इस मिसाइल का टारगेट इसके आने पर 3 मीटर की दूरी पर कहीं भी खिसकता है, तो भी वह मारा जाएगा. यानी दुश्मन भाग नहीं सकता.
भारत के पास भी कैलिबर क्रूज मिसाइल (Kalibr Cruise Missile) है. इसे भारतीय नौसेना ने अपने किलो (Kilo) क्लास सबमरीन में लगा रखा है. भारतीय नौसेना की पनडुब्बियों में लगने वाले वैरिएंट्स Club-S और Club-N से हैं. किलो क्लास सबमरीन को सिंधुघोष क्लास सबमरीन भी कहते हैं. इसके अलावा ये मिसाइल भारतीय नौसेना के तलवार क्लास फ्रिगेट्स में भी तैनात किए गए हैं.
हाइपरसोनिक मिसाइल (Hypersonic Missile) वो हथियार होते हैं, जो ध्वनि की गति से पांच गुना ज्यादा गति में चले. यानी कम से कम मैक 5 (Mach 5). साधारण भाषा में इन मिसाइलों की गति 6100 किलोमीटर प्रतिघंटा होती है. इनकी गति और दिशा में बदलाव करने की क्षमता इतनी ज्यादा सटीक और ताकतवर होती हैं, कि इन्हें ट्रैक करना और मार गिराना अंसभव होता है.