रिसर्चर्स ने बताई बड़ी वजह केलों पर भूरे रंग के निशान क्यों पड़ जाते हैं

इसके बारे में लोगों से जानकारी भी शेयर की है कि आखिर किस कारण केलों में निशान पड़ते हैं ? तो चलिए हम आपको बताते हैं वैज्ञानिकों की उस रिसर्च के बारे में.

Update: 2022-05-18 11:33 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नई दिल्ली :बाज़ार से ऐसे कई सारे फल हम लाते हैं, जो बहुत जल्द ही खराब हो जाते हैं या फिर उन फलों में निशान पड़ जाता है. इन्हीं में से एक फल केला है. जिनमें 2-4 दिन बीतते ही भूरे रंग के निशान (Brown Spots On Banana) या चित्तियां पड़ जाती हैं. जिसके बाद लोग ऐसे फलों को फेंक देते हैं. इस वजह से फलों की खूब बरबादी होती है. लेकिन हाल ही में अमेरिका की फ्लोरिडा स्टेट यूनिवर्सिटी (Florida State University) के रिसर्चर्स ने इसी तथ्य पर स्टडी की है. और इसके बारे में लोगों से जानकारी भी शेयर की है कि आखिर किस कारण केलों में निशान पड़ते हैं ? तो चलिए हम आपको बताते हैं वैज्ञानिकों की उस रिसर्च के बारे में.

वैज्ञानिकों का ये भी मानना है कि भूरे स्पॉट का मतलब ये नहीं है कि केला अब इस्तेमाल के लायक नहीं बचा. इसे खा भी सकते हैं और बेकरी में भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इस रिसर्च के मुताबिक केलों पर अगर मोम की पतली पर्त चढ़ा दी जाए तो छिलकों का ऑक्सीजन से रिएक्शन नहीं होगा. ऐसे में ये चित्तियां पड़ने की रफ्तार काफी कम हो जाएगी. अगर ये प्रयोग अपनाया जाए तो हर साल करोड़ों टन केले की फसल खराब होने से रोकी जा सकती है. केले के छिलके में मौजूद एथिलीन गैस की वजह से ही अगर आप दूसरे फलों के साथ इसे रखेंगे तो वो भी जल्दी पकने और मुलायम होने लगते हैं.


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