Research: दिन में इतने बार करे ब्रश, डायबिटीज का खतरा होगा कम

दांतों की समस्या और डायबिटीज के बीच क्या संबंध है।

Update: 2023-04-11 09:43 GMT
क्या ब्रश करने से मधुमेह का खतरा कम होता है? सुनने में भले ही आपको अजीब लगे लेकिन हाल ही में हुई एक रिसर्च में हैरान कर देने वाली बात सामने आई है। इस शोध के अनुसार दिन में कम से कम तीन बार ब्रश करने से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा कम हो जाता है। शोध से यह भी पता चला है कि चयापचय संबंधी विकार मौखिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। हालाँकि, दंत समस्याओं और मधुमेह के बीच संबंधों के बारे में अधिक शोध की आवश्यकता है। आइए जानते हैं दांतों की समस्या और डायबिटीज के बीच क्या संबंध है।
दंत समस्याओं और मधुमेह के बीच क्या संबंध है?
दरअसल, मसूड़ों में होने वाली बीमारी को मेडिकल टर्म में पेरियोडोंटाइटिस कहा जाता है। यह रोग मसूड़ों और हड्डियों में जीवाणु संक्रमण के कारण होता है। अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए तो यह दांतों के दर्द को बढ़ा सकता है। जिन लोगों को मसूड़े की बीमारी होती है उनके रक्त में ज्वलनशील मार्करों का स्तर अधिक होता है। यह इंसुलिन संवेदनशीलता को कम करके रक्त में शर्करा के स्तर को बढ़ा सकता है।
क्या मधुमेह मौखिक समस्याओं के कारण हो सकता है?
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो इस पर कुछ भी कहने से पहले अभी और रिसर्च की जरूरत है। वैसे तो मुंह की समस्याओं के कारण मधुमेह की समस्या हो सकती है, लेकिन कुछ शोधों में यह पाया गया है कि मसूड़ों की बीमारी होने पर मधुमेह का खतरा अधिक होता है। शोध में ये बातें भी सामने आई हैं कि जिन लोगों को डायबिटीज है उनमें दांतों की समस्या का खतरा भी ज्यादा होता है।
मधुमेह के कारण दांतों की समस्या क्यों होती है
शोध के अनुसार मधुमेह मुंह में लार ग्रंथियों को प्रभावित कर सकता है। इस वजह से लार कम आने लगती है। यह एक ऐसा पदार्थ है, जिसकी वजह से दांत सड़ते नहीं हैं और बैक्टीरिया भी नहीं पनपते हैं। यही वजह है कि लार में उच्च ग्लूकोज स्तर का प्रभाव दांतों के स्वास्थ्य पर भी दिखाई देता है।
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