रिपोर्ट : मंगल पर इकट्ठा किए गए नमूने में हो सकता है पानी
NASA के परसिवरेंस रोवर (Perseverance rover) ने मंगल ग्रह (Mars) के चट्टानों से पहले नमूने को इकट्ठा कर लिया है
NASA के परसिवरेंस रोवर (Perseverance rover) ने मंगल ग्रह (Mars) के चट्टानों से पहले नमूने को इकट्ठा कर लिया है. अब ये नमूने लाल ग्रह (Red Planet) को लेकर जानकारी प्रदान कर रहे हैं. इस बात के संकेत हैं कि ये चट्टानें लंबे समय तक पानी के संपर्क में थीं. इस वजह से ग्रह पर प्राचीन जीवन का पता लगाने की संभावना बढ़ गई है.
NASA की एक रिपोर्ट में परसिवरेंस मिशन के प्रोजेक्ट साइंटिस्ट कैल्टेक के केन फार्ले के हवाले से कहा गया कि ऐसा लगता है कि हमारी पहली चट्टानें, जिनसे नमूनों को लिया गया है. वे संभावित रूप से रहने वाले स्थायी वातावरण में रही होंगी.
परसिवरेंस रोवर ने 6 सितंबर को 'मोंटडेनियर' (Montdenier) नाम से एक चट्टान से अपना पहला नमूना इकट्ठा किया. इसके बाद 8 सितंबर को उसी चट्टान से 'मोंटेग्नैक' (Montagnac) नामक दूसरा नमूना इकट्ठा किया. दोनों नमूने अब रोवर के इंटीरियर में सीलबंद ट्यूबों में रखा गया.
NASA की रिपोर्ट में कहा गया कि जिस चट्टान से नमूने इकट्ठा किए गए, वह बेसाल्टिक है और उससे लावा का प्रवाह होता होगा. ज्वालामुखीय चट्टानों में क्रिस्टलीय खनिज होते हैं, जो रेडियोमेट्रिक डेटिंग में सहायक होता है. चट्टान की ज्वालामुखी उत्पत्ति वैज्ञानिकों को इसके बनने के समय की सटीक तारीख में मदद करता है.
इसके जरिए वैज्ञानिक इस क्षेत्र के भूवैज्ञानिक इतिहास की एक तस्वीर बना सकते हैं. इसके अतिरिक्त, चट्टानों के भीतर साल्ट्स भी मिले हैं. ये साल्ट्स तब बनते हैं, जब भूजल इससे होकर बहता है और चट्टान में मूल खनिज को बदल देता है. नमूनों में साल्ट्स के भीतर प्राचीन मंगल ग्रह के पानी के छोटे बुलबुले हो सकते हैं.
नतीजे बताते हैं कि मंगल ग्रह पर भूजल लंबे समय से मौजूद हो सकता है. नासा 2030 के दशक में यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के साथ मिलकर नमूनों को पृथ्वी पर वापस लेकर आएगा. इसके बाद नमूनों का लैब में विश्लेषण किया जाएगा.