धरती और लाल ग्रह के बीच संबंध? यहां मिला मंगल पर पाया जाने वाला खनिज
अंटार्कटिका की बर्फ को 'टाइम कैप्सूल' भी कहते हैं, ऐसा इसलिए क्योंकि यहां दशकों, सदियों पुराने रहस्य बर्फ ने संभालकर रखे हैं
अंटार्कटिका की बर्फ को 'टाइम कैप्सूल' भी कहते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां दशकों, सदियों पुराने रहस्य बर्फ ने संभालकर रखे हैं। इस बर्फ में खोज कर रहे रिसर्चर्स के हाथ अब कुछ ऐसा लगा है जिससे धरती और मंगल ग्रह के बीच तार जोड़े जा सकते हैं। दरअसल, यहां एक ऐसा खनिज मिला है जो धरती पर बेहद दुर्लभ है और इसके मंगल पर पाए जाने की संभावना ज्यादा है। इस खोज के आधार पर धरती और मंगल की स्थितियों के बीच समानता खोजने की संभावना बढ़ जाती है।
मंगल पर होता है पैदा
जरोसाइट (jarosite) ऐसा खनिज है जो मंगल पर भारी मात्रा में पाया जाता है। माना जाता है कि एक वक्त पर मंगल की स्थिति ऐसी थी कि यह खनिज पैदा हो सके। पीले-भूरे रंग का यह खनिज पानी और अम्ल की मौजूदगी में पैदा होता है। मंगल पर अब पानी नहीं लेकिन सतह के नीचे यह पाया गया है। सबसे पहले NASA के Mars Opportunity रोवर ने 2004 में इसे खोजा था और उसके बाद से यह मंगल पर कई जगहों पर मिला है।
बर्फ में पहली बार मिला दुर्लभ खनिज
धरती पर यह ज्वालामुखियों के पास मिल सकता है लेकिन यह बेहद दुर्लभ है। बर्फ के नीचे इसका मिलना तो अब तक नामुमकिन माना जा रहा था लेकिन अब इस खोज ने सबको हैरान कर दिया है। इसके बारे में इसी महीने नेचर कम्यून्केशन्स में पेपर छपा है। मिलान-बिकोका यूनिवर्सिटी के जियॉलजिस्ट जियोवनी बकोलो ने इस बारे में ट्वीट भी किया है। उन्होंने कहा है कि उनके मुताबिक ऐसा पहली बार है जब मंगल पर पाए जाने वाला जियोकेमिकल प्रोसेस अंटार्कटिक की बर्फ की कोर में ढूंढा जा रहा है।
दोनों ग्रहों में समानता की खोज
उनकी टीम यहां दूसरे खनिज ढूंढ रही थी लेकिन जरोसाइट मिल गया। हालांकि, यह बेहद कम मात्रा में है लेकिन एक्स-रे से पता चला है कि यह जरोसाइट ही है। यह रिसर्च इसलिए बेहद खास हो जाती है कि क्योंकि एक से खनिज बनने के लिए समान जरूरतों के जरिए दोनों ग्रहों में समानता खोजने की संभावना बढ़ जाती है।
अंटार्कटिका और मंगल में है संबंध?
गौरतलब है कि कुछ वक्त पहले मंगल के दक्षिणी ध्रुव पर बर्फ के नीचे तीन विशाल सॉल्टवॉटर झीलें मिलने की बात एक स्टडी में सामने आई थी। ऐसी ही झीलें धरती पर भी होती हैं जिनमें extremophiles यानी ऐसे सूक्ष्मजीव रहते हैं जो बेहद गर्म या बेहद ठंडे पर्यावरण में रह सकते हैं। ये जीव बिना ऑक्सिजन, जीरो से कम तापमान और ऐसे नमकीन पानी में रह सकते हैं जहां दूसरे जीव नहीं टिक सकते हैं। ये धरती पर अंटार्कटिक डीप लेक (Antarctic Deep Lake) में पाए जाते हैं और हो सकता है कि मंगल की झीलों में भी ऐसे ही जीव मिल जाएं।