वैज्ञानिक आधार पर इंसानो में चंद्रमा का असर, इस तरह करेगा प्रभावित

क ताजा अध्ययन के मुताबिक, यह धारणा ‎कि चंद्रमा लोगों के सोने के स्वरूप और महिलाओं के मासिक चक्र को प्रभावित करता है,

Update: 2021-02-01 07:44 GMT

जनता से रिश्ता बेवङेस्क | एक ताजा अध्ययन के मुताबिक, यह धारणा ‎कि चंद्रमा लोगों के सोने के स्वरूप और महिलाओं के मासिक चक्र को प्रभावित करता है, सही हो सकती है. वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी, क्विल्मेस नेशनल यूनिवर्सिटी और येल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के शोध में पाया गया है कि चंद्रमा की कलाएं हमारी नींद के समय और महिलाओं के मासिक चक्र को प्रभावित करती हैं.

हाल ही में एडवांस साइंसेस में प्रकाशित शोध बताता है कि 29.5 दिन के चंद्रमा चक्र के दौरान लोगों के सोने के समय में उतार चढ़ाव आते हैं. पूर्णिमा के दिनों में लोग रात को देर से सोते हैं और उनके सोने का समय भी कम होता है. सात वैज्ञानिकों की इस रिसर्च टीम ने दो तरह के समूहों का अध्ययन किया. इसमें से एक उत्तरी अर्जेंटीना के फोर्मोसा इलाके के तोबा कौम लोग शामिल थे तो दूसरे समूह में अमेरिका के सिएटल शहर के कॉलेज छात्र (student) थे. दोनों समूह में 7.5 लाख लोगों से ज्यादा को शामिल किया गया था.

अर्जेंटीना के ग्रामीण समुदाय को लोगों के पास बिजली तक पहुंच नहीं थी, जबकि दूसरे समुदाय के पास बिजली की सीमित पहुंच थी, वहीं तीसरा समुदाय शहरी इलाकों के जैसा था जिसके पास पूरी बिजली की व्यवस्था थी. शोधकर्ताओं ने एक से दो चंद्रमा चक्रों के दौरान तीन चौथाई टोबा कौम प्रतिभागियों के नींद के आंकड़े जमा किया. इस अध्ययन के प्रमुख लेखक और वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी में बायोलॉजी के प्रोफेसर होरासिओ डी ला इग्लेसिया ने एक बयान में बताया कि उनकी टीम ने नींद पर चंद्रमा का स्पष्ट प्रभाव देखा. चंद्रमा के बढ़ने के साथ नींद कम होती जा रही थी.

हालांकि यह प्रभाव बिना बिजली वाले समुदायों में ज्यादा स्पष्ट था, लेकिन बिजली वाले इलाकों में भी इसे पाया गया जिसमें वाशिंगटन यूनिवर्सटी के छात्र (student) भी शामिल थे. चंद्रमा की कलाओं के चक्र में नींद की मात्रा में विविधता औसत तौर पर 56 से 58 मिनट की थी. इस तरह अध्ययन में यह भी पाया गया कि सोने के समय में भी 30 मिनट का फर्क दिखाई दिया. सभी तीनों समुदाय यह पाया गया कि पूर्मिणा और उसके आसपास की तीन से पांच रातों में लोग जल्दी सोने जाते थे और उनकी नींद की मात्रा भी सबसे कम थी.

शोधकर्ताओं की टीन यह भी बताया कि अर्जेंटीना के टोबा संस्कृति में चंद्रमा को एक पुरुष माना जाता है जिसके महिलाओं के साथ शारीरिक संबंध होते हैं. महिलाओं में यह पहले मासिक चक्र का प्रतीक है और उसके समय को नियंत्रित करता है. इस समुदाय के एक बुजुर्ग की बताई लोक कथा के अनुसार चंद्रमा की चमक वाली रातें उच्च सेक्स गतिविधि का संकेत होती हैं. अर्जेंटीना के स्थानीय समुदाय के इस तरह के विश्वास यह संभावना बताते हैं कि पहले किस तरह से पहले चंद्रमा के चक्र का महिलाओं के प्रजननता से संबंध जोड़ा जाता था. बता दें ‎कि चंद्रमा का इंसान के जीवन पर कितना गहरा असर है, यह आज भी बहस का विषय है. चंद्रमा से जुड़े कई अंधविश्वासों के बावजूद चंद्रमा के इंसान पर असर के वैज्ञानिक आधार भी हैं. इस ताजा अध्ययन से पुरानी धारणा को बल ‎मिलता है.

Tags:    

Similar News

-->