दवाइयों के सेवन के समय लापरवाही पड़ सकती है भारी, इन बातों का रखें विशेष ध्यान

किसी भी बीमारी, सर्जरी या अन्य शरीरिक-मानसिक तकलीफ की स्थिति में दवाइयों से हमें राहत मिल जाती है।

Update: 2021-10-21 04:14 GMT

किसी भी बीमारी, सर्जरी या अन्य शरीरिक-मानसिक तकलीफ की स्थिति में दवाइयों से हमें राहत मिल जाती है। चाहे किसी भी पैथी का इलाज आप अपना रहे हों, डॉक्टर आपको प्रिस्क्रिप्शन लिखकर देते हैं और बताते हैं कि दवाई कैसे लेनी है। मसलन सुबह खाली पेट खानी है, खाने के बाद खानी है, दिन में तीन बार खानी है, आदि। कई बार वे दवाई के सामने मात्रा के साथ बाकी सावधानियां भी लिख देते हैं। यह वाकई बहुत मददगार तरीका है। लेकिन कभी आपने अपने डॉक्टर से ये पूछा है कि दवाई को किस चीज के साथ या बाद में नहीं खाना है?

जैसे मान लीजिए आपको दूध के साथ दवाई न लेने को कहा गया हो और आपने सोचा-जूस भी तो पानी ही है और हेल्दी भी, ऐसे में जूस के साथ दवाई गटक ली। आप सोचेंगे हां तो इसमें क्या बुरा है भला! लेकिन जनाब ये आदत आपको मुश्किल में डाल सकती है। दवाइयों के साथ हर चीज का कॉम्बिनेशन सही बैठे ये जरूरी नहीं और गलत कॉम्बिनेशन आपकी जान खतरे में डाल सकती है। आइए इस बारे में आगे  विस्तार से समझते हैं।

दवाइयों के सेवन के समय बरतें सावधानी

कोई भी पैथी हो, हर दवाई का अपना एक गुण और तासीर होती है जिसको ध्यान में रखना जरूरी होता है। एलोपैथी की दवाइयां केमिकल्स से बनी होती हैं, इन कैमिकल्स का किसी बिल्कुल अलग कैमिकल से मिलना रिएक्शन दे सकता है। इसी तरह आयुर्वेदिक या जड़ी-बूटियों और होम्योपैथिक फॉर्मूलों का भी किसी गलत चीज के साथ मिलना शरीर के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है। इसलिए अगर डॉक्टर ने किसी दवाई को लेकर कोई सावधानी बरतने को कहा है, तो उसे ध्यान में रखें। खासकर जब आप पहली बार कोई दवाई ले रहे हों या एक साथ ज्यादा दवाइयां ले रहे हों तब।  

इस बारे में जरूर ले लें डॉक्टर से सलाह

इम्युनिटी बढाने में मददगार खट्टे फल अक्सर दवाई के असर पर प्रभाव डाल सकते हैं। आयुर्वेद में तो बकायदा जब तक दवा चले, खट्टी चीजों से परहेज करने की सलाह दी जाती है। खट्टी चीजों में मौजूद एसिड दवाइयों के असर को प्रभावित कर सकते हैं। उदाहरण के लिए किसी खट्टे फल की वजह से पेट की कुछ कोशिकाएं दवाइयों के शरीर पर पड़ने वाले असर को कमजोर बना सकती हैं। खासतौर पर एलर्जी के लिए ली जाने वाली दवाइयां खट्टी चीजों के साथ मुश्किल खड़ी कर सकती हैं। 

यूं किसी भी पैथी में इलाज करने वाले डॉक्टर आपको दवाई के साथ किन खाद्य पदार्थों को नहीं खाना है, इसकी जानकारी देते हैं लेकिन अगर वे ऐसा न करें तो उनसे स्पष्ट पूछें कि क्या इन दवाइयों के साथ किसी प्रकार का परहेज रखना है? ताकि आपको इलाज का पूरा फायदा मिल सके और जल्द ही स्वास्थ्य लाभ भी। 

डॉक्टर कई बार आपको दवाई दूध के साथ लेने की सलाह भी देते हैं। ऐसा इसलिए ताकि पेट दवाई के हैवी डोज़ के लिए तैयार रहे लेकिन कुछ एंटीबायोटिक्स के साथ यह नुकसानदायक साबित हो सकता है। डेयरी प्रोडक्ट में मौजूद कैल्शियम, मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स और केसिन जैसे प्रोटीन शरीर के लिए इन एंटीबायोटिक्स की प्रोसेस को मुश्किल बना देते हैं, ऐसे में दवाएं पूरा असर नहीं दिखा पातीं। इसलिए अगर डॉक्टर एंटीबायोटिक्स लिख रहे हैं तो उनसे स्पष्ट पूछें कि उन्हें दूध के साथ लेना है या नहीं?

सामान्य स्थिति में सप्लीमेंट्स का सेवन शरीर को फायदा पहुंचाता है लेकिन कुछ दवाइयों के साथ सप्लीमेंट्स भी नुकसानदायक हो सकते हैं। जैसे कि आयरन सप्लीमेंट को अगर आप हायपोथायरॉइडिज्म यानी शरीर के कम मात्रा में थाइरॉइड बनाने की स्थिति में ली जाने वाली दवाई के साथ खाते हैं तो थायरॉइड वाली दवाई का असर कम हो जाता है। तो अगर आप थायरॉइड की समस्या से ग्रसित हैं और साथ में किसी प्रकार के सप्लीमेंट्स भी ले रहे हैं तो एक बार डॉक्टर से जरूर पूछें। कई बार मल्टीविटामिन गोलियों में भी आयरन की मात्रा होती है, ऐसे में डॉक्टर से इसका विकल्प पूछें। सबसे अच्छा तरीका है कि डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब किS बिना अपने मन से किसी सप्लीमेंट का इस्तेमाल न करें। 

यूं चॉकलेट को, खासकर डार्क चॉकलेट को शरीर के साथ साथ मन को भी खुशी पहुंचाने वाले खाद्यों में से एक माना जाता है लेकिन कई बार चॉकलेट्स दवाई के साथ मिलकर स्थिति को असंतुलित भी कर सकते हैं। ये दवाई के असर को कम कर देते हैं। खासकर उन दवाइयों के असर को जो कुछ मानसिक स्थितियों में दिमाग को शांत रखने या नींद लाने के लिए दी जाती हैं। वहीं डिप्रेशन के इलाज के लिए दी जाने वाली  दवाइयों के चॉकलेट खाने से ब्लड प्रेशर बहुत ज्यादा बढ़ सकता है जो कि एक खतरनाक स्थिति होती है।

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