नासा का नया कदम: चंद्रमा पर न्यूक्लियर प्लांट लगाने के लिए मांग रही सुझाव

अगर किसी के पास चंद्रमा पर परमाणु ऊर्जा संयंत्र लगाने के बारे में कोई अच्छा सुझाव है.

Update: 2021-11-20 15:30 GMT

बोइस। अगर किसी के पास चंद्रमा पर परमाणु ऊर्जा संयंत्र लगाने के बारे में कोई अच्छा सुझाव है, तो वह अमेरिकी सरकार को इस बारे में बता सकता है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और देश की शीर्ष संघीय परमाणु अनुसंधान प्रयोगशाला ने शुक्रवार को 'फिशन सर्फेस पावर सिस्टम' स्थापित करने के लिए प्रस्ताव देने का अनुरोध किया। यह प्रणाली ऊष्मा पैदा करने के लिए किसी संयंत्र में यूरेनियम अणुओं को अलग करने का काम करती है।नासा इस दशक के अंत तक चंद्रमा पर अपने अभियानों के लिए स्वतंत्र ऊर्जा स्रोत स्थापित करने के लिए अमेरिका के ऊर्जा विभाग के इदाहो राष्ट्रीय प्रयोगशाला के साथ मिलकर काम कर रही है। 'फिशन सर्फेस पावर प्रोजेक्ट' के प्रमुख सेबेस्टियन कोर्बिसिएरो ने एक बयान में कहा, 'चंद्रमा पर विश्वसनीय, उच्च ऊर्जा तंत्र उपलब्ध कराना अंतरिक्ष में संभावनाएं तलाशने की दिशा में अहम कदम है और हम इसे शीघ्र हासिल कर लेंगे।'

पृथ्वी पर बनाया जाएगा संयंत्र
यह संयंत्र पृथ्वी पर बनाया जाएगा और फिर इसे चंद्रमा पर भेजा जाएगा। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने के अपने अभियान के समय को आगे बढ़ा कर इसे 2025 कर दिया है। अंतरिक्ष एजेंसी की, इससे पहले 2024 तक अंतरिक्षयात्रियों को चंद्रमा पर भेजने की योजना थी। नासा के प्रशासक बिल नीलसन ने मंगलवार को इस अभियान में देरी के संबंध में घोषणा की।
क्यों एक साल लेट हुआ नासा का मिशन?
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने उनके चंद्रमा के लिए अभियान में 'लैंडिग सिस्टम' विकसित करने के लिए पर्याप्त धन मुहैया नहीं कराया। इसके अलावा जेफ बेजोस की रॉकेट कंपनी 'ब्लू ओरिजिन' की ओर से कानूनी चुनौतियों के कारण भी कार्य में व्यवधान हुआ। नीलसन ने कहा कि नासा का अगले वर्ष फरवरी में अपने चंद्रमा रॉकेट 'स्पेस लॉन्च सिस्टम' या एसएलएस की पहली परीक्षण उड़ान का लक्ष्य है। इसमें कोई भी सवार नहीं होगा।
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