13 अरब साल पुराना वीडियो NASA ने किया शेयर, हर रोशनी से निकल रही अलग ध्वनि, आखिर क्यों है इतना खास?
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने गैलेक्सी के डाटा का 13 अरब साल पुराना वीडियो जारी किया है
NASA Galaxy Light Video: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने गैलेक्सी के डाटा का 13 अरब साल पुराना वीडियो जारी किया है, जिसे देखते ही हर कोई हैरानी जता रहा है. सोशल मीडिया पर भी ये वीडियो लोगों का काफी ध्यान खींच रहा है. इसे देखने के साथ ही सुना भी जा सकता है. इसमें नासा ने ध्वनि के जरिए 13 अरब साल में गैलेक्सी (Billion's of Year Old Galaxy) की उत्पत्ति को दर्शाया है (NASA Galaxy Database). वीडियो को नासा के हबल टेलीस्कोप ने कैद किया है, जिसे अभी तक लाखों लोग देख चुके हैं. इसे इंस्टाग्राम और ट्विटर पर शेयर किया गया है.
हबल की अल्ट्रा डीप फील्ड तस्वीर में कई गैलेक्सी को ध्वनि के जरिए दर्शाया गया है. जब वीडियो में चमक दिखाई देती है, तो हम अलग-अलग ध्वनि में हर एक गैलेक्सी को सुन सकते है (Galaxy Sound Video on NASA). गैलेक्सी जितनी दूर होगी, उसकी रोशनी को हबल तक पहुंचने में उतना ही ज्यादा समय लगेगा. नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने हबल टेलीस्कोप को अप्रैल 1990 में लॉन्च किया था. उसे स्पेस शटल डिस्कवरी के माध्यम से अंतरिक्ष में भेजा गया था.
टेलीस्कोप का नाम हबल क्यों रखा गया?
अमेरिकी एस्ट्रोनॉमर एडविन पोनवेल हबल (Edwin Ponwell Hubble) के सम्मान में इस टेलीस्कोप को 'हबल' नाम दिया गया. यह अकेला ऐसा टेलीस्कोप है, जिसे नासा ने केवल अंतरिक्ष के लिए डिजाइन किया था. 13.2 मीटर लंबे टेलीस्कोप का वजन 11,000 किलोग्राम है (NASA Galaxy Lights Directions). यह पृथ्वी की निचली कक्षा की परिक्रमा कर रहा है. इससे पहले नासा ने सूर्य का भी एक वीडियो जारी किया था. इस वीडियो में सूर्य की सतह पर कोरोनल मास इजेक्शन यानी सीएमई को दिखाया गया है.
नुकसान भी पहुंचा सकता है सीएमई
इस वीडियो पर नासा ने बताया था कि सोलर प्लाजमा की ये तरंगें अंतरिक्ष में अरबों पार्टिकल्स भेज रही हैं, जिसकी तीव्रता 160,000 किलोमीटर प्रति घंटा है. नासा ने 2013 में भी कहा था कि उसके सोलर डायनामिक्स ऑब्जरवेटरी (एसडीओ) ने इस सीएमई को अत्यधिक पराबैंगनी प्रकाश में देखा था लेकिन यह पृथ्वी की ओर जाने का इशारा नहीं कर रही थीं. इसके साथ ही नासा ने ये भी बताया कि सीएमई कितना खतरनाक है (Solar Waves CME NASA). सूर्य की सतह पर विकिरण के शक्तिशाली विस्फोटों से बनी सोलर तरंगें अस्थायी रूप से संचार और नेविगेशन प्रणाली को नुकसान पहुंचा सकती हैं.