नासा ने रेकॉर्ड किया लियोनार्ड कॉमेट का वीडियो, 70000 सालों में पहली बार दिखी 'हरी पूंछ'

सूर्य की जांच करने वाले दो सैटेलाइट ने चमकीले हरे कॉमेट लियोनार्ड का अद्भुत वीडियो रेकॉर्ड किया है

Update: 2021-12-23 10:05 GMT

सूर्य की जांच करने वाले दो सैटेलाइट ने चमकीले हरे कॉमेट लियोनार्ड का अद्भुत वीडियो रेकॉर्ड किया है। यह धूमकेतु 70,000 साल में पहली बार पृथ्वी के निकट से गुजर रहा है। इस साल जनवरी में इसकी खोज की गई थी। इसके बाद से ही यह करीब 160,000 मील प्रति घंटे की रफ्तार से सूर्य और पृथ्वी की ओर तेजी से बढ़ रहा है। बर्फ और धूल की यह विशालकाय गेंद करीब आधा मील (करीब 1 किमी) चौड़ी है।

नासा के सोलर टेरेस्ट्रियल रिलेशंस ऑब्जर्वेटरी एस्पेसक्राफ्ट (STEREO-A) और यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) के सोलर ऑर्बिटर ऑब्जर्वेटरी ने इसका वीडियो बनाया है। STEREO-A नवंबर से हरे धूमकेतु पर नजर बनाए हुए है। इसकी दर्जनों तस्वीरों की मदद से नासा की टीम एक शॉर्ट एनीमेशन बनाने में कामयाब हुई है। नासा ने धूमकेतु से निकलती रोशनी को दिखाने के लिए अलग-अलग तस्वीरें जारी की हैं।
2022 में अद्भुत नजारा कैद करने जा रहे सैटेलाइट्स
यह तब होता है जब यह गैस और पानी की बर्फ जैसी वाष्पशील सामग्री को बाहर की ओर फेंकता है जिससे इसकी चमक लगातार बदलती रहती है। ईएसए अंतरिक्ष यान और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने एक संयुक्त परियोजना, 17 से 19 दिसंबर के बीच, के तहत धूमकेतु का वीडियो कैप्चर किया है। धूमकेतु लियोनार्ड 3 जनवरी, 2022 को कई सदियों बाद सूर्य के सबसे करीब पहुंचेगा। उस घटना से पहले दोनों सैटेलाइट को इसकी दिशा में भेजा गया है।
दिसंबर में धरती के करीब से गुजरेगा धूमकेतु
नासा ने धूमकेतु और उसकी पूंछ को उजागर करने के लिए खासतौर पर डिजाइन की गई एक एनिमेटेड तस्वीर का इस्तेमाल किया है। वैज्ञानिकों ने बताया कि इस बर्फीली चट्टान का आंतरिक भाग सूर्य के जितना करीब आता है, उतना ही गर्म होता है। इससे पहले यह नीली धूल, फिर पीले या सफेद और अंत में हरे रंग का उत्सर्जन करता है। हरे रंग की पूंछ का मतलब यह धूमकेतु काफी गर्म है। इसमें बहुत सारे साइनाइड और डायटोमिक कार्बन हैं और इसके टूटने की संभावना भी उतनी ही ज्यादा है।
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