नासा डिजाइन कर रहा है खास स्पेस सूट, चंद्रमा पर रखेगा लोगों को ठंडा
अंतरिक्ष और चंद्रमा के हालात पृथ्वी की स्थितियों से बहुत भिन्न होते हैं
अंतरिक्ष और चंद्रमा के हालात पृथ्वी की स्थितियों से बहुत भिन्न होते हैं. वहां वायुमंडल नहीं होता है. तापमान को अनुभव नहीं किया जाता सकता है, त्वचा और शरीर पर वायुमंडलीय दाब नहीं होता, लेकिन अंतरिक्ष में तो सूक्ष्म गुरुत्व यानि गुरुत्वहीनता का अलग ही प्रभाव होता है. इस तरह के सभी हालातों से निपटने के लिए हमारे अंतरिक्ष खास तरह का स्पेस सूट डिजाइन करते हैं जिसमें हमारे अंतरिक्ष यात्रा सहज, सुरक्षित और स्वस्थ महसूस कर सकते हैं. चंद्रमा (Moon) पर भेजे जाने वाले आर्टिमिस अभियान के लिए नासा (NASA) स्पेस सूट इवेपोरेशन रिजेक्शन फ्लाइट एक्सपेरिमेंट (Spacesuit Evaporation Rejection Flight Experiment, SERFE) प्रयोग कर रहा है.
नासा (NASA) चंद्रमा के हालात के लिए खास तरह के स्पेससूट (Space Suite) को डिजाइन करने में लगा हुआ है. जो चंद्रमा के 100 डिग्री सेल्सियस वाले उबलते तापमान को बर्दाशत कर सके. चूंकि नासा का उद्देश्य चंद्रमा पर लंबे मानव अभियान भेजना है, वह इस समय ऐसे ही स्पेस सूट डिजाइन कर रहा है जो उसकी इन जरूरतों को पूरा कर सकें. नासा को स्पेस सूट इवेपोरेशन रिजेक्शन फ्लाइट एक्सपेरिमेंट (Spacesuit Evaporation Rejection Flight Experiment, SERFE) से काफी उम्मीदें हैं.
सर्फे प्रयोग (SERFE) के जरिए विकसित किए जा रहे स्पेस सूट के परीक्षण इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) और पृथ्वी दोनों पर ही चल रहे हैं. इन स्पेससूट का एक अहम भाग इसका लाइफ सपोर्ट सिस्टम (life support system) है जो अंतरिक्ष यात्री और उनके स्पेस सूट को ठंडा रखेगा. सर्फे को इस तरह से डिजाइन किया गया है जिससे वह इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के सूक्ष्म गुरुत्व जैसे वातावरण में इस नई ऊष्मा नियंत्रण तकनीक का प्रदर्शन किया जा सके. इसमें थर्मल कंट्रोल लूप पूरे सूट में पानी का प्रवाह संचारित करता है जिससे अंतरिक्ष यात्री और सूट के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ठंडे रह सकें.
सर्फे प्रयोग (SERFE) की थर्मल कंट्रोल तकनीक भविष्य में स्पेसवॉक (Future Spacewalks) के लिए भी उपयोगी साबित हो सकती है. इस प्रयोगों में वैज्ञानिक पानी वाले कूलिंग सिस्टम (Water Cooling System) का भी परीक्षण करेंगे. इस स्पेस सूट में प्रेशर सेंसर होंगे जो गर्म पानी की भाप को अंतरिक्ष में छोड़ सकेंगे जिससे थर्मल कंट्रोल लूप के जरिए निर्धारित तापमान का कायम रखने में मदद मिलेगी.
नासा (NASA) ने वीडियो शेयर कर अपोलो युग (Apollo Missions) से अब तक के स्पेससूट (Space Suits) के पूरे इतिहास की जानकारी दी है. स्पेस सूट से संबंधित जो प्रयोग और परीक्षण किए जा रहे हैं, वैसे ही प्रयोग नासा के होउस्टन स्थित जॉनसन स्पेस सेंटर में भी कियए जा रहे हैं. सर्फे (SERFE) एक ओवन के आकार का उपकरण है जो अंतरिक्ष यात्रियों की पीठ पर होगा जिसका काम पूरे स्पेस सूट में पानी की नियमित आपूर्ति कायम रखना होगा.
चूंकि अंतरिक्ष यात्री (Astronauts) इस उपकरण को अपनी पीठ पर लाद कर चंद्रमा (Moon) की पहाड़ियों और चट्टानों पर चहलकदमी करेंगे और अपने अन्य जरूरी प्रयोगों पर काम करेंगे, इंजीनियर इसका आकार छोटे से छोटा रखना चाहते हैं. नासा (NASA) के मुताबिक पानी को कूलेंट की तरह उपयोग में लाने का विचार अपोलो युग जितना पुराना है. उस समय वैज्ञानिकों ने एक कपड़े के जरिए पानी फैलाने का निर्णय लिया था जिससे चंद्रयात्रियों को ज्यादा गर्मी का अहसास ना हो सके.
आजकल जो नासा (NASA) के अंतिरक्ष यात्री स्पेस स्टेशन (ISS) में स्पेस सूट का उपयोग कर रहे हैं, वह 1970 में स्पेसवॉक (Spacewalk) के लिए विकसित किया गया था. जहां पानी अब भी कूलेंट की तरह उपयोग में लाया जा रहा है, नासा मानना है कि सुधार की अब भी बहुत संभावना है. नए स्पेस सूट के लिए नासा अपने डिजाइन, शोध और आंकड़ों को व्यवसायिक उद्योगों से साझा करेगा जिससे मिल कर अगली पीढ़ी के स्पेस सूट विकसित किए जा सकें. (तस्वीर: NASA)