रूस. चंद्रमा पर उतरने से पहले रूस के लूना-25 को एक "आपातकालीन स्थिति" से गुजरना पड़ा है। रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने शनिवार को यह जानकारी दी। रोस्कोस्मोस ने कहा है कि टीमें समस्या का विश्लेषण कर रही हैं। बता दें कि ये समस्या ऐसे समय में पता चली है जब लूना-25 के लिए लैंडिंग की तारीख 21 से 23 अगस्त तय की गई है।
रूसी एजेंसी रोस्कोमोस ने बताया कि स्थानीय समय के मुताबिक, दोपहर 2.10 बजे लूना को प्री-लैंडिंग ऑर्बिट में भेजने के लिए प्रयास किया गया। इस दौरान ऑटोमैटिक स्टेशन पर इमरजेंसी हालात पैदा हुए। इस वजह से मिशन का मैन्यूवर नहीं हो पाया। बता दें कि चंद्रमा को एक्सप्लोर करने के लिए रूस महत्वपूर्ण वापसी कर रहा है। 1976 में सोवियत युग के लूना-24 मिशन के बाद लगभग पांच दशकों में पहली बार, 10 अगस्त को लूना-25 अंतरिक्ष में भेजा गया। इसने चंद्रमा के लिए अधिक सीधे रास्ते को अपनाया है। संभावित रूप से यह लगभग 11 दिन में 21 अगस्त तक लैंडिंग का प्रयास करने में सफल हो जाएगा।
लैंडर को बुधवार को सफलतापूर्वक चंद्रमा की कक्षा में स्थापित किया गया था। रोस्कोस्मोस ने यह नहीं बताया कि क्या इस घटना से चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर बोगुस्लाव्स्की क्रेटर के उत्तर में सोमवार को होने वाली लैंडिंग में देरी होगी या नहीं। जून में, रोस्कोस्मोस प्रमुख यूरी बोरिसोव ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा था कि ऐसे मिशन "जोखिम भरे" हैं, जिनकी सफलता की संभावना लगभग 70 प्रतिशत है। अगर रूस का लूना-25 लैंड कर लेता है तो इसके चंद्रमा पर एक वर्ष तक रहने की उम्मीद है, जहां इसे सैंपल कलेक्ट करने और मिट्टी को एनालाइज करने का काम सौंपा गया है। लैंडर पर लगे कैमरे पहले ही अंतरिक्ष से पृथ्वी और चंद्रमा की दूर की तस्वीरें ले चुके हैं।