जानें महिलाओं में ओवरी कैसे काम करता है और यह हृदय के स्वास्थ्य को कैसे करता है प्रभावित, अध्ययन में हुआ ये खुलासा

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) महिलाओं में होने वाला एक हार्मोनल विकार है.

Update: 2020-11-06 08:18 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) महिलाओं में होने वाला एक हार्मोनल विकार है. यह महिलाओं में प्रजनन से संबंधित हार्मोनल असंतुलन की समस्या है. इससे ग्रस्त महिलाओं में ओवरी यानी अंडाशय में कई छोटे छोटे सिस्ट यानी गांठे बन जाती हैं. आमतौर पर यह समस्या 15 से 45 साल की लड़कियों और महिलाओं में देखी जाती है. myUpchar के अनुसार, इसका संबंध मासिक धर्म में गड़बड़ी और शरीर में एंड्रोजन हार्मोन का स्तर बढ़ने से है. पीसीओएस के लक्षणों में अनियमित माहवारी, प्रजनन क्षमता में कमी, असामान्य रूप से वजन बढ़ना व कम होना, मुहांसे और रेशेज, शरीर पर अनचाहे बाल आना और बाल झड़ना, हृदय से संबंधित समस्याएं होना आदि शामिल हैं.

हाल ही में एक अध्ययन से पता चला है कि एक सामान्य स्थिति में 30 से 40 साल की महिलाओं में अंडाशय यानी ओवरी कैसे काम करता है और यह हृदय के स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है. पीसीओएस से ग्रस्त युवा महिलाओं में हृदय रोग होने की आशंका अधिक होती है. अध्ययन को यूरोपीय जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव कार्डियोलॉजी में प्रकाशित किया गया था, जो यूरोपियन सोसाइटी ऑफ कार्डियोलॉजी का एक जर्नल है.

यह अनुमान है कि प्रजनन उम्र की 6 से 20 प्रतिशत महिलाओं में पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम की समस्या है. पीसीओएस की स्थिति में महिलाओं में अधिक वजन या मोटापे का जोखिम रहता है, इसके अलावा डायबिटीज और हाई बीपी की भी समस्या हो सकती है, जो कि हृदय रोग और स्ट्रोक का कारण बनती है. अध्ययन के जरिए पता लगाने की कोशिश की गई कि यह स्थिति कुछ समय के लिए रहती है या जीवन भर?

शोधकर्ताओं के मुताबिक, पीसीओएस के कुछ लक्षण केवल प्रजनन के वर्षों के दौरान ही मौजूद होते हैं, इसलिए यह संभव है कि आगे चलकर हृदय रोग का जोखिम कम हो जाए.

अध्ययन में 1994 से 2015 तक ऐसी 60,574 महिलाएं शामिल थीं जो गर्भवती होने के लिए ट्रीटमेंट (जैसे कि आईवीएफ) ले रही थीं. इनमें से 6149 (10.2 प्रतिशत) को पीसीओएस था. शोधकर्ताओं ने 9 वर्षों तक महिलाओं का मेडिकल रिकॉर्ड देखा. इस अवधि के दौरान 2925 (4.8 प्रतिशत) महिलाओं में हृदय रोग पाया गया. पीसीओएस से पीड़ित 30 और 40 साल की उम्र की महिलाओं को बिना पीसीओएस वाली महिलाओं की तुलना में हृदय रोग का अधिक खतरा था. 30 से कम आयु वाली महिलाओं में इसके लक्षण कम स्पष्ट थे.

अस्वीकरण : इस लेख में दी गयी जानकारी कुछ खास स्वास्थ्य स्थितियों और उनके संभावित उपचार के संबंध में शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए है। यह किसी योग्य और लाइसेंस प्राप्त चिकित्सक द्वारा दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवा, जांच, निदान और इलाज का विकल्प नहीं है। यदि आप, आपका बच्चा या कोई करीबी ऐसी किसी स्वास्थ्य समस्या का सामना कर रहा है, जिसके बारे में यहां बताया गया है तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें। 

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