ब्लैक होल के 'छल्लों' की अनोखी तस्वीर NASA ने किया शेयर

ब्लैक होल के नाम के साथ एक गहरे काले रंग का आकार दिमाग में आता है जिसके इर्द-गिर्द लाल, नीली जैसी रोशनी का घेरा हो और बीच से रेडिएशन का एक जेट निकल रहा हो

Update: 2021-08-09 15:58 GMT

ब्लैक होल के नाम के साथ एक गहरे काले रंग का आकार दिमाग में आता है जिसके इर्द-गिर्द लाल, नीली जैसी रोशनी का घेरा हो और बीच से रेडिएशन का एक जेट निकल रहा हो। अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के चंद्र एक्सरे स्पेस टेलिस्कोप की मदद से एक ब्लैक होल की अनोखी तस्वीर तैयार की गई है। इसमें ब्लैक होल के किनारे कई छल्ले नजर आ रहे हैं। वहीं, इंस्टाग्राम पर जब यह तस्वीर शेयर की गई तो लोगों ने इसे Pokemon कार्टून की गेंद बता दिया।

इस ऑब्जर्वेशन की मदद से हमारी गैलेक्सी में मौजूद धूल के बारे में नई जानकारी मिली थी। करीब 6 साल पहले 15 जून, 2015 को Light Echoes नाम का फीचर एक सिस्टम में डिटेक्ट किया गया जो एक्स-रे बर्स्ट से हाई-एनर्जी छल्ले बनने के कारण पैदा हुआ था। ये light echoes तब बनते हैं जब ब्लैक होल से निकलने वाली एक्स रे, उसके और धरती के बीच मौजूद धूल के बादलों से टकराती हैं।

करीब 7,800 प्रकाशवर्ष दूर स्थित यह ब्लैक होल अपने करीब के एक सितारे से मैटर खींचता है। यह मैटर एक्स-रेज में चमकता है। इसकी वजह से ऐस्ट्रॉनमर्स इसे एक्स-रे बाइनरी सिस्टम कहते हैं। चंद्र की ली एक तस्वीर को Pan-STARRS टेलिस्कोप के ऑप्टिकल डेटा के साथ जोड़ा गया जिससे सितारे भी नजर आने लगे। हर एक छल्ला 2015 में डिटेक्ट किए गए एक्स-रे चमक से बनता है जो धूल के बादलों से टकराकर बनी है।
नासा ने बताया है कि खगोलीय धूल धुएं की तरह होती है और इसमें छोटे-छोटे सॉलिड पार्टिकल होते हैं। इनसे तरंगों और किरणों के टकराने पर ऐस्ट्रॉनमर कई तरह की चीजें पता कर सकते हैं, जैसे ब्लैक होल के बिहेवियर या बीच में मौजूद मैटर के बारे में।


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