ड्यूरालुमिन एक प्रमुख मिश्र धातु है। इसमें 95% एल्युमिनियम, 4% कापर, 0.5% मैंगनीज तथा 0.5% मैंग्नेसियम होता है। वायुयान तथा हल्के औजारों को बनाने में इसका उपयोग होता है।
ड्यूराल्युमिन, एलमुनियम का मिश्र धातु है। इस मिश्र धातु को आसानी से ढाला और फोर्ज किया जा सकता है। ड्यूराल्युमिन की तनन सामर्थ्य अधिक होने के साथ-साथ इसकी विद्युत चालकता भी अधिक होती है। ड्यूराल्युमिन (Duralumin) जब वायुमंडलीय दाब पर रहता है तो इसमें कठोरता रहती है। इस मिश्र धातु विशिष्ट ऊष्मा 0.214 है। इस मिश्र धातु को गलाने के लिए 650℃ की आवश्यकता होती है।
ड्यूराल्युमिन (Duralumin in Hindi) - संरचना, गुण & उपयोग
ड्यूराल्युमिन का ऊष्मा उपचार 360℃से 400℃ के बीच में होता है। ऊष्मा उपचार करने के बाद इसको वायु में ठण्डा किया जाता है।
ऊष्मा का ऊष्मा उपचार करने के लिए लवण बाथ का उपयोग किया जाता है। इस लवण बाथ में 50% सिल्वर नाइट्रेट और 50% पोटेशियम नाइट्रेट होता है। इस लवण बाथ में अन्य प्रकार की भी फिटिंग्स होती है जिनका ऊष्मा उपचार के लिए मफल भट्टी का उपयोग किया जाता है।
ड्यूराल्युमिन की संरचना (Composition of Duralumin in Hindi) -:
Duralumin में एल्युमीनियम 94%, कॉपर 4%, मैग्नीशियम 0.5%, मैंगनीज 0.5%, सिलिकॉन 0.05%, आयरन 0.5% होता है।
Al = 94%
Cu = 4%
Mg = 0.05%
Mn = 0.05%
Si = 0.05%
Fe = 0.05%
ड्यूराल्युमिन के गुण (Properties of Duralumin in Hindi) -:
1. ड्यूराल्युमिन का विशिष्ट गुरुत्व 2.85 होता है और इसकी विशिष्ट ऊष्मा 0.214 होती है।
2. जब इस मिश्र धातु को ऊष्मा उपचार करने के बाद बुझा दिया जाता है उसके पश्चात इसमें काफी समय तक मृदुता बनी रहती है।
3. ड्यूराल्युमिन का गलनांक 650℃ होता है।
4. इस मिश्र धातु की एलमुनियम की तुलना में विद्युत सुचलकता अधिक होती है।
5. ड्यूराल्युमिन मिश्र धातु को आसानी से कास्टिंग और फोर्जिंग किया जा सकता है।
6. ड्यूराल्युमिन मिश्र धातु की तनन सामर्थ्य अधिक होती है।
7. जब यह मिश्र धातु वायुमंडलीय ताप पर रहता है तो यह कठोर हो जाता है।
8. जब ड्यूराल्युमिन मिश्र धातु का ऊष्मा उपचार अनीलिंग प्रक्रिया कर दी जाती है तो उसके बाद इस मिश्र धातु की कठोरता 60 BHN के अंतर्गत रह जाती है।
ड्यूराल्युमिन के उपयोग (Applications/Uses of Duralumin in Hindi) -:
1. इस मिश्र धातु का उपयोग नट-बोल्ट, रिवेट को बनाने के लिए किया जाता है।
2. ड्यूराल्युमिन के द्वारा शीट, ट्यूब फोर्जिंग इत्यादि बनाए जाते हैं।
3. इस मिश्र धातु का प्रयोग करके Cables का निर्माण किया जाता है।
4. ड्यूराल्युमिन का प्रयोग वायुयानों के पुर्जे बनाने में भी किया जाता है।
5. इस मिश्र धातु के द्वारा हल्की मशीनों के पार्ट-पुर्जे बनाए जाते हैं।
6. ड्यूराल्युमिन का प्रयोग सर्जिकल और आर्थोपेडिक कार्यों के उपयोग में लाया जाता है।
सुखोई एसयू-35 (Sukhoi Su-35) सुखोई एसयू-27 हवाई रक्षा लड़ाकू विमान के दो अलग, भारी-अपग्रेड किए गए डेरिवेटिव के लिए पदनाम है। ये सिंगल-सीट, दो इंजन, उच्च-माननीय वाला लड़ाकू विमान हैं, जो कि सुखोई डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन किए गए हैं और कोम्सोमोल्स्क-ऑन-अमूर एयरक्राफ्ट प्रोडक्शन एसोसिएशन द्वारा बनाए गए हैं।
पहला संस्करण 1980 के दशक में सुखोई एसयू-27 के उन्न्त संस्करण के रूप में तैयार किया गया था। और इसे शुरू में सुखोई एसयू-27एम के नाम से जाना जाता था। इस संस्करण मे मल्टी-फंक्शन रडार जोड़ा गया था जिसने इसे सामान्य विमान से मल्टीरोल विमान मे बदल दिया था। और इसे अपने भरी वजन को संभालने के लिए संरचनात्मक रूप से प्रबलित किया गया था। इसके पहले प्रोटोटाइप ने जून 1988 में अपनी पहली उड़ान की थी। सोवियत संघ के पतन के कारण विमान का उत्पादन बड़े पैमाने पर नहीं हुआ था। सुखोई ने निर्यात ऑर्डर को आकर्षित करने के लिए विमान को सुखोई एसयू-35 नाम से पुनः नामित किया। इसी समय, चौदह विमानों का उत्पादन परीक्षणों और प्रदर्शनों के लिए किया गया था। एक प्रोटोटाइप में थ्रस्ट वेक्टरिंग इंजन स्थापित किए थे और परिणामस्वरूप सुखोई एसयू-37 को एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शक के रूप में इस्तेमाल किया गया था। 1990 के अंत में एकमात्र सुखोई एसयू-35यूबी दो-सीट ट्रेनर विमान भी बनाया गया था जो सुखोई एसयू-30एमके परिवार के आधार पर बना था।
2003 में, सुखोई ने सुखोई एसयू-57 के विकास समय लाग्ने के कारण एक अंतरिम विमान के रूप में सेवा करने के लिए सुखोई एसयू27 का दूसरा आधुनिकीकरण शुरू किया। इसे ही मुख्य रूप से सुखोई एसयू-35 जाना जाता है। इस प्रकार सुखोई एसयू-35 ने फरवरी 2008 में अपनी पहली उड़ान की। हालांकि विमान को निर्यात के लिए डिजाइन किया गया था, 2009 में रूसी वायु सेना विमान का प्रक्षेपण ग्राहक बन गई, जिसके उत्पादन संस्करण को सुखोई एसयू-35एस नाम से नामित किया गया। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स विमान का एकमात्र विदेशी उपयोगकर्ता है। अन्य देशों में कथित तौर पर रूस के साथ सुखोई एसयू-35 की खरीद के बारे में चर्चा हुई है, जिसमें इंडोनेशिया भी शामिल है जिसकी सरकार निकट भविष्य में रूस के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर करने की उम्मीद है।