सामने आया @ का इतिहास, पहली बार जानें @ सिंबल कब बना?

Update: 2022-02-11 10:04 GMT

लंदन: कई बार ऐसा होता है कि कुछ खोज या अविष्कार गलत समय पर हो जाते हैं. उदाहरण के लिए टिन ओपनर. जिसे टिन के बनने से 50 साल पहले ही बना लिया गया था. पहली फैक्स मशीन 1843 में बनाई गई थी. @ का सिंबल पांच सदियों पहले खोज लिया गया था. लेकिन तब आप किसी को @ लगाकर टैग (Tag) नहीं कर सकते थे. आप किसी की बुराई नहीं कर सकते थे. न ही उसे पसंद करने के लिए @ का उपयोग कर सकते थे.

जहां तक हम जानते हैं @ का निशान सबसे पहले ईमेल के साथ जोड़ा गया. लेकिन इसका उपयोग 1536 में ही शुरु हो गया था. लेकिन उस समय इसका उपयोग कोई राजा हेनरी-8 को टैग करने के लिए नहीं करता था. क्योंकि उन्होंने कई लोगों के सिर काटे थे. असल में @ निशान का उपयोग शुरुआत में कीमत प्रति इकाई (Price Per Unit) के लिए किया गया था. वैसे इसे लेकर तीन कहानियां हैं...
आलसी मॉन्क्स ने खोजा @ को
छठी और सातवीं सदी में @ इन निशान को कुछ आलसी मॉन्क्स (Lazy Monks) ने बनाया था. मकसद था अंतहीन पांडुलिपियों को हाथ से कॉपी न करना पड़े. इसलिए मॉन्क्स को कोई शॉर्टकट चाहिए था. इसलिए शॉर्टकट के लिए लैटिन शब्दों का सहारा लिया. Toward या at (ad) के साथ a जोड़ा जिसके पीछे d को लंबी पूंछ की तरह लगाया गया था. जिसे @ कहते हैं.
पत्रकारों के शॉर्टहैंड का नतीजा था @
एक कहानी यह भी कहती है कि फ्रांसीसी पत्रकारों ने इसका उपयोग सबसे पहले किया था. वो at को छोटा करने के लिए (à) का उपयोग करते थे. समय बचाने के लिए. जो धीरे-धीरे करके @ में तब्दील होता चला गया, क्योंकि फ्रांसीसी पत्रकार ज्यादा लिखने के मूड में उस समय नहीं थे. लेकिन @ का मतलब ठीक वैसा ही था, जैसा आज है.
व्यवसायिक चिट्ठी में पहला उपयोग
एक थ्योरी ये भी है कि @ का पहला उपयोग एक दस्तावेज में हुआ था. जो 1536 का है. यह एक पत्र था, जिसे फ्लोरेंटीन के व्यवसायी फ्रांसेस्को लापी ने लिखा था. उन्होंने शॉर्टहैंड में each at के लिए इसका उपयोग किया था. जैसे- 14 नींबू @ $10. उन्होंने a और e को मिलाकर @ बनाया था. इस निशान का कोई उपयोग फिर सदियों तक नहीं हुआ. शुक्र है कि कंप्यूटर साइंटिस्ट रे टॉमलिन्सन (Ray Tomlinson) ने 1971 में इसका उपयोग किया.
रे टॉमलिन्सन (Ray Tomlinson) को काम दिया गया था कि Arpanet system से जुड़े कंप्यूटरों में ईमेल भेजा जा सके. इसके लिए कोई तरीका निकालो. आर्पानेट इंटरनेट के पिताजी थे. या यूं कह लें कि शुरुआती इंटरनेट जो बहुत एडवांस नहीं था. इसका उपयोग सीमित लोग ही कर सकते थे. तब रे टॉमलिन्सन (Ray Tomlinson) ने इंसान के नाम के बाद @ लगाकर उसके कंप्यूटर का नंबर या नाम ऐड कर दिया. इससे संदेश एक कंप्यूटर से दूसरे में जाने लगा.
रे टॉमलिन्सन (Ray Tomlinson) ने स्मिथसोनियन को बताया था कि वो सिर्फ एक सिंबल खोज रहे थे. जिसका उपयोग कम से कम हुआ हो. थोड़ी रिसर्च के बाद @ के बारे में पता चला. तो उन्होने इसे अपने आर्पानेट सिस्टम में संदेश भेजने के लिए उपयोग कर लिया. इसके बाद से अब तक इंटरनेट की दुनिया में एक बड़ा आधार बनकर @ रह रहा है. यह रिपोर्ट हाल ही में IFLScience में प्रकाशित हुई है. 


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