सूर्य ग्रहण लोगों के लिए खतरनाक? जानिए ज्योतिषियों और वैज्ञानिकों की राय
साल 2021 का आखिरी सूर्य ग्रहण खत्म हो चुका है
साल 2021 का आखिरी सूर्य ग्रहण खत्म हो चुका है. भारत में ग्रहण लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में आंशिक रूप से नजर आया. हालांकि भारत में इसके दिखने की अवधि बहुत कम रही. हालांकि, सूर्य ग्रहण के प्रभाव और इसकी धार्मिक मान्यताओं को लेकर ज्योतिषियों और वैज्ञानिकों के बीच बड़ी बहस छिड़ गई है.
इस विषय पर बात करते हुए ज्योतिषाचार्य अजय भांबी ने आज तक से कहा कि ग्रहों का असर हमारी प्रकृति पर पड़ता है. इसका प्रभाव देश-दुनिया में दूर-दूर तक होता है. हालांकि, इस मसले पर वैज्ञानिक ज्योतिषियों के दावे से इत्तेफाक नहीं रखते हैं. अजय भांबी का मत था कि सूर्य ग्रहण जैसी खगोलीय घटना में विज्ञान की तरह ज्योतिषीय महत्व को भी समझना जरूरी है.
हालांकि इस पर प्रतिक्रिया करते हुए जाने-माने वैज्ञानिक गौहर रजा खान ने कहा, 'इस देश में 10वीं पास करने वाले हर शख्स को विज्ञान की सामान्य जानकारी है. इसलिए सूर्य ग्रहण को लेकर लोगों में फैल रही भ्रांतियों को दूर करने की कोशिश की जानी चाहिए.' उन्होंने कहा कि ज्योतिषियों को सूर्य ग्रहण के दौरान लाइव डिबेट में खाने-पीने की चीजों का इस्तेमाल कर लोगों को जागरूक करना चाहिए. ताकि लोग ऐसी अफवाहों का शिकार न हों.
गौहर रजा खान ने कहा कि लोगों की वैज्ञानिक समझ को विकसित करना बहुत जरूरी है. उन्हें समझाना चाहिए कि सूर्य ग्रहण में कोई चीज दूषित नहीं होती है. केवल इतना ध्यान रखें कि सूर्य ग्रहण को नग्न आंखों से न देखें. इससे हमारी आंखें खराब हो सकती हैं. उन्होंने कहा कि राहु-केतु के नाम से लोगों को डराने की बजाए उन्हें भ्रम से निकालना कहीं ज्यादा बड़ी सेवा होगी.
गौहर रजा खान ने कहा कि सूर्य ग्रहण का इतिहास बहुत पुराना है. ऐसा नहीं है कि मानव की उत्पत्ति के बाद ये अस्तित्व में आया है. इंसान ने सूर्य और चंद्र ग्रहण को तकरीबन 3000 साल पहले ही रिकॉर्ड किया था. इसलिए सूर्य या चंद्र ग्रहण को आपदाओं के साथ जोड़ना सरासर गलत है.
इस पर प्रतिक्रिया करते हुए वेदांताचार्य स्वामी सर्वानंद सरस्वती ने कहा, 'गौहर रजा खान साब को सूर्य के लक्षणों का ज्ञान नहीं है. सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर निकालना उचित नहीं है. इस दौरान पशु-पक्षी भी छिप जाते हैं, क्योंकि ग्रहण की तरंगे राहु से ग्रसित हैं. गर्भ में पल रहा बच्चा इससे विकलांग हो सकता है, बीमार पड़ सकता है.'
गौहर रजा खान ने स्वामी सर्वानंद सरस्वती के बयान पर प्रतिक्रिया करते हुए उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों के पास ऐसा कोई प्रमाण नहीं है कि सूर्य ग्रहण से गर्भ में पल रहे बच्चे पर बुरा असर पड़ता है.
उन्होंने कहा, इसे लेकर कई बार स्टडीज की जा चुकी है. इस भूगोलीय घटना का किसी भी व्यक्ति के ऊपर बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है. हालांकि ग्रहण नग्न आंखों से देखने से बचना चाहिए. दूसरा, यदि आपने तीन सेकेंड से पहले ही सूर्य से आंखें हटा ली हैं तब भी कोई चिंता की बात नहीं है.
उन्होंने कहा कि देश की आवाम के बीच वैज्ञानिक दृष्टिकोण को ले जाना बहुत जरूरी है. इस प्रकार की अफवाहों को लोगों ने खुद कई बार रिजेक्ट किया है.