भारत का चंद्रयान 3 मिशन जल्द ही रवाना होने वाला, ये है उसकी पूरी रूपरेखा

इसरो ने कम बजट में कई हैरतअंगेज मिशन्स अंतरिक्ष में भेजे हैं। फिर चाहे बात आप मंगलयान की करें या चंद्रयान की।

Update: 2021-09-09 07:18 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इसरो ने कम बजट में कई हैरतअंगेज मिशन्स अंतरिक्ष में भेजे हैं। फिर चाहे बात आप मंगलयान की करें या चंद्रयान की। हमारे चंद्रयान ने ही सर्वप्रथम चांद की सतह पर पानी की मौजूदगी के बारे में पता लगाया था। यही नहीं मात्र 450 करोड़ की रकम में इसरो ने मंगलयान जैसे जटिल मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। यही एक बड़ा कारण है, जिसके चलते देश दुनिया में इसरो का नाम सम्मान के साथ लिया जाता है। आने वाले भविष्य में इसरो ने कई बड़े स्पेस मिशन्स की रूपरेखा तैयार कर ली है। इन्हीं में से एक है चंद्रयान 3।

दो साल पहले चंद्रयान 2 मिशन के दौरान हमारा विक्रम लैंडर चांद की दक्षिणी सतह पर लैंड करने में नाकाम रहा था। हालांकि चंद्रयान 2 के तहत भेजा गया ऑर्बिटर आज भी सफलतापूर्वक काम कर रहा है। चंद्रयान 2 के सपने को पूरा करने के लिए चंद्रयान 3 मिशन अब पूरी तरह तैयार है। इसरो जल्द ही इस मिशन को चांद की सतह पर रवाना करने वाला है। ऐसे में आइए जानते हैं चंद्रयान 3 मिशन के बारे में - 

चंद्रयान 3 मिशन के अंतर्गत चांद की सतह पर लैंडर और रोवर को भेजा जाएगा। इस मिशन में कोई ऑर्बिटर नहीं होगा। इस मिशन को साल 2022 में लॉन्च करने की योजना है। कोरोना महामारी के कारण इसके प्रक्षेपण की तारीख को मजबूरन आगे बढ़ाया गया है। संभावना ये जताई जा रही है कि साल 2022 के पहले 6 महीने के दौरान इसको लॉन्च किया जा सकता है।

चंद्रयान 2 मिशन के अंतर्गत हमारा रोवर चांद की सतह पर लैंड नहीं कर पाया था। इस कारण चंद्रमा के दक्षिणी सतह से जुड़ी कई खास जानकारियां हम तक अभी नहीं पहुंच पाई हैं। ऐसे में चंद्रयान 3 मिशन का काम चंद्रयान 2 के उसी मकसद को पूरा करना है। 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चंद्रयान 3 में अलग से लेजर डॉपलर वेलोसिटी मीटर भी लगा होगा, जो इस मिशन को और भी सेफ बनाएगा। चंद्रयान 3 मिशन के अंतर्गत भेजे जाने वाले लैंडर में करीब 4 थ्रोटल इंजन को शामिल किया गया है, जिसका इस्तेमाल लैंडर को सतह पर उतारने के लिए किया जाएगा।

अब तक भारत ने किसी दूसरे ग्रह या उसके उपग्रह पर कोई रोवर लैंड नहीं करवाया है। चंद्रयान 3 हमारे इसी सपने को पूरा करेगा। ये मिशन इसरो के आने वाले कई दूसरे बड़े मिशन्स के लिए रास्तों को खोलेगा।

Tags:    

Similar News

-->