NASA की टीम में शामिल हुए भारतीय मूल के अनिल मेनन, चंद्रमा और फिर मंगल की सतह पर उतरेंगे
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के अगले मून मिशन के तहत चंद्रमा पर मानव की वापसी होगी
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के अगले मून मिशन के तहत चंद्रमा पर मानव की वापसी होगी। इस बार अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा पर पहले से ज्यादा समय बिताएंगे जहां से उनकी निगाहें मंगल पर होंगी। नासा ने अपने इस मिशन के लिए 10 नए अंतरिक्ष यात्रियों का चयन किया है। इसमें भारतीय मूल के अंतरिक्ष यात्री डॉ अनिल मेनन का नाम भी शामिल है जिन्हें मिशन से पहले दो सालों की कड़ी ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके बाद अंतरिक्ष यात्री रिसर्च के लिए अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन के लिए रवाना होंगे, जहां से ये चंद्रमा और फिर मंगल की सतह पर उतरेंगे।
भारतीय मूल के अनिल मेनन का जन्म यूक्रेन में हुआ था। वह अमेरिकी एयर फोर्स में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर तैनात हैं। वह स्पेसएक्स के पहले फ्लाइट सर्जन थे, जिन्होंने नासा के स्पेसएक्स डेमो -2 मिशन के दौरान एक चिकित्सा संगठन का निर्माण किया था। डॉ मेनन के पास पहले से ही फ्लाइट सर्जन के रूप में नासा के साथ काम करने का अनुभव है। 45 वर्षीय अनिल मेनन एक प्रेक्टिसिंग इमरजेंसी मेडिसिन फिजिशियन हैं।
आपदा में निभाई अहम भूमिका
अपनी नासा प्रोफाइल के मुताबिक मेनन 2010 में हैती में आए भूकंप, नेपाल में 2015 के भूकंप और 2011 रेनो एयर शो दुर्घटना के दौरान मददकर्ताओं की पहली पंक्ति में शामिल थे। उन्होंने 1999 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से न्यूरोबायोलॉजी में बैचलर्स की डिग्री और 2004 में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री प्राप्त की थी। 2009 में उन्होंने स्टैनफोर्ड मेडिकल स्कूल से डॉक्टर ऑफ मेडिसिन के साथ ग्रैजुएट किया था।
अफगानिस्तान में भी रह चुके हैं तैनात
उन्हें ऑपरेशन एंड्योरिंग फ्रीडम के लिए अफगानिस्तान में तैनात किया गया था। साथ ही उन्होंने माउंट एवरेस्ट पर पर्वतारोहियों की देखभाल के लिए हिमालयन रेस्क्यू एसोसिएशन के लिए काम किया था। मेनन बाद में सैन्य ड्यूटी के लिए 173वें फाइटर विंग स्थानांतरित हो गए और बाद में रेजीडेंसी के तौर पर एयरोस्पेस मेडिसिन में काम किया। एक पायलट के रूप में उन्होंने 1,000 घंटे से अधिक समय तक लॉग इन किया है। उनकी पत्नी अन्ना मेनन स्पेसएक्स में काम करती हैं और उनके दो बच्चे हैं।
30 से 40 साल के 10 अंतरिक्ष यात्री
नासा ने सोमवार को 10 नए अंतरिक्ष यात्रियों का चयन किया, जिनमें से आधे सैन्य पायलट हैं। नासा ने ह्यूस्टन में एक समारोह के दौरान छह पुरुषों और चार महिलाओं का परिचय दिया। ह्यूस्टन 'मिशन कंट्रोल एंड एस्ट्रोनॉट कोर' का केन्द्र है। इसके लिए 12 हजार से अधिक लोगों ने आवेदन किया था। चयनित 10 लोगों की उम्र 30 से 40 वर्ष के बीच है, जिन्हें 'स्पेसफ्लाइट' में यात्रा करने के योग्य बनाने के लिए पहले दो साल का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
कोई ड्रिलिंग विशेषज्ञ तो कई बायोइंजीनियर
इन 10 लोगों में लड़ाकू एवं परीक्षण पायलटों के अलावा, एक चिकित्सा भौतिक विज्ञानी, ड्रिलिंग विशेषज्ञ, समुद्री रोबोटिस्ट, स्पेसएक्स फ्लाइट सर्जन और बायोइंजीनियर शामिल हैं जो एक चैंपियन साइकिल चालक भी रह चुके हैं। संयुक्त अरब अमीरात के दो अंतरिक्ष यात्री उनके साथ प्रशिक्षण लेंगे। वर्ष 1959 में 'मरकरी सेवन' के बाद से नासा ने अपने अंतरिक्ष यात्री वाहिनी में 360 लोगों को शामिल किया है। आखिरी बार 2017 में एक अंतरिक्ष यात्री का चयन किया गया था।