73 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं के यूआईसी में पाया गया असंतुलन
हिमाचल प्रदेश में 73 फीसदी गर्भवती महिलाओं में यूरिनरी आयोडीन कंसंट्रेशन (यूआईसी) में असंतुलन पाया गया है
हिमाचल प्रदेश में 73 फीसदी गर्भवती महिलाओं में यूरिनरी आयोडीन कंसंट्रेशन (यूआईसी) में असंतुलन पाया गया है। यह शोध डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय मेडिकल महाविद्यालय टांडा कांगड़ा के डॉ. देवेश कुमार, डॉ. सुनील कुमार रैणा, डॉ. रमन चौहान और डॉ. सुशांत शर्मा ने किया है। यह शोध हिमाचल प्रदेश में 202 गर्भवती महिलाओं पर सितंबर-दिसंबर 2019 के दौरान एक समुदाय-आधारित क्रॉस-सेक्शनल अवलोकन से किया गया। यह हाल ही में इंडियन जर्नल ऑफ पब्लिक हेल्थ में छपा है।
यह अध्ययन कांगड़ा और हमीरपुर जिला की गर्भवती महिलाओं पर किया गया। एक पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के साथ, साक्षात्कार से समाज शास्त्रीय, व्यावहारिक कारकों और नमक की खपत के बारे में डाटा एकत्र किया था। स्पॉट आयोडीन टेस्टिंग किट से नमक के आयोडीन स्तर का आकलन किया और स्पेक्ट्रोफोटोमीटर का उपयोग करके अमोनियम पर्सल्फेट पाचन का उपयोग करके मूत्र आयोडीन सघनता(यूआईसी) को मापा गया।
अध्ययन के लिए महिलाओं की औसत आयु लगभग 26 वर्ष थी और गर्भधारण की अवधि औसत 163.7 दिन थी। पारिवारिक स्तर पर आयोडीन युक्त नमक ( पीपीएम) की खपत 83.7 प्रतिशत पाई गई और औसत यूआईसी 169.0 µg/L थी। 26.7 महिलाओं में प्रतिशत में यूआईसी का स्वीकार्य स्तर था, जबकि 41.1 प्रतिशत और 32.2 प्रतिशत महिलाओं में यूआईसी का कम (150 µg/L) और अत्यधिक (250 µg/L) स्तर पर थी।