युवा वयस्कों लिए भी फायदेमंद होती हैं हरियाली वाली जगहें

शहरी नियोजन (Town Planning) को लेकर एक अध्ययन में पाया गया है कि बड़े शहरों में जो बड़ी और ऊंची इमारतों की सोसाइटी बन जाती हैं वहां हरित क्षेत्र (Green Area) बनाया जाता है.

Update: 2022-11-25 05:18 GMT

शहरी नियोजन (Town Planning) को लेकर एक अध्ययन में पाया गया है कि बड़े शहरों में जो बड़ी और ऊंची इमारतों की सोसाइटी बन जाती हैं वहां हरित क्षेत्र (Green Area) बनाया जाता है. इन हरित क्षेत्रों में बच्चों और बूढ़ों के लिए तो सुविधाएं होती हैं लेकिन युवा वयस्कों (Young Adult) के लिए कुछ ऐसा नहीं होता जिससे वे प्रकृति का सानिध्य प्राप्त करते हुए सामाजिक अंतरक्रिया भी कर सकें. अध्ययन में सुझाया गया है कि युवाओं के लिए ऐसे में क्या किया जा सकता है.

आज कर बहुत से बड़े शहरों (Big Cities) की हाउसिंग सोसाइटी (Housing Societies) में हरियाली के काफी जगह दी जाती है जहां सामुदायिक बगीचे, बच्चों के लिए पार्क जैसी सुविधाएं होती हैं. इन तरह के पार्क बच्चों के लिए खेलने के लिए झूले, स्लाइडर्स आदि होते हैं तो बूढ़ों के लिए बैठने के लिए बेंच आदि की व्यवस्था होती है. लेकिन पार्कों में 15 से 24 साल के युवाओं के लिए कुछ शहरी नियोजन (Town Planning) के दौरान कुछ सोचा ही नहीं जाता है. नए अध्ययन में युवा वर्ग के लिए हरित क्षेत्र के विकास के लिए एक नया उरकरण विकिसित किया है. 

सामान्यतः युवा वर्ग (Youth) का यह समूह प्रकृति आधारित समाधानों के मानसिक, शारीरिक, सामजिक सेहत (Health) लाभ नहीं ले पाता है. इसके लिए ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया (UBC) के शोधकर्ताओं की टीम ने सिडनी और मेलबर्न जैसे बड़े शहरों के पार्कों से आकंड़े जमा कर उनका विश्लेषण किया और ऐसा उपकरण विकसित किया है जो युवा वयस्कों (Young Adults)के लिए हरित क्षेत्रों का आंकलन करेगा. 

वैज्ञानिकों के मुताबिक सार्वजनिक शहरी हरित स्थान (Green Areas) शहरों को ठंडा रखते हैं और शारीरिक व्यायाम (Physical Exercise) एवं सामाजिक अंतरक्रिया जैसी गतिविधियों के लिए लोगों को मन खुशनुमा करने के साथ ही तनाम कम करने का काम करते हैं. वैसे तो ये लाभ सभी आयु वर्ग के लिए महत्वपूर्ण हैं, ये युवावर्ग के लिए और ज्यादा अहम है, क्योंकि इस उम्र में बहुत सारे लंबे मानसिक सेहत (Health) संबंधी विकार पैदा होते हैं. 

यूबीसी के शहरी वन की विशेषज्ञ और इस अध्ययन की प्रमुख लेखक सारा बैरन का कहना है कि सही तरह के हरित स्थान के सानिध्य (Green Area exposure) प्राप्त होने से मजबूत सामाजिक संबंधों को प्रोत्साहन मिलता है और उम्र के इन नाजुक वर्षों में प्रकृति (Nature) से संपर्क भी पनपता है. दुर्भाग्य से प्रकृति और सेहत पर शोध और साथ ही शहरी नियोजनों (Town Planning) ने इस आयुवर्ग को खासा नजरअंदाज किया है. 

लेकिन जब बात युवा और युवा वयस्कों (Young Adults) की आती है. यहां एक स्पष्ट दिखाई देने वाली डिजाइन किए स्थानों की कमी दिखाई देती है. जहां इस आयु वर्ग के लोग खुद को शामिल करने में सहज नहीं हो पाते हैं. इस अध्ययन की सहलेखक एमिली रूगल कहती हैं कि इस समस्या को सुलझाने के लिए शोधकर्ताओं ने सहिष्णु हरित स्थान (Tolerant Green spaces) नाम की जगह का सुझाव दिया है जो .युवा व्यस्कों की जरूरतों को पूरा करती है जिसमें उनकी शारीरिक और मनोवैज्ञानिक जरूरतों की बहाली के साथ सामाजिक अंतरक्रिया (Social Interaction) भी पूरी हो सके. ऐसा जगहें प्राकृतिक होती है, लेकिन उनकी अच्छे से देखभाल होती है और सुरक्षित भी होती हैं.

इस तरह की जगहें युवाओं (Youth) को एकांत भी देती हैं जहां वे चिंतन कर सकते हैं ध्यान जैसी गतिविधि (Activities) कर सकते हैं और बड़ों की निगरानी में दोस्तों के साथ वक्त भी बिता सकते हैं. और हरियाली (Greenery) वाले इलाके पौधों के लिए तो अच्छे होते ही हैं, ये क्षेत्र में विविधता के साथ सौंदर्य भी लाते हैं और युवाओं को भी प्रकृति से संपर्क में बने रहने का मौका भी देते हैं.

भविष्य के अध्ययनों के लिए वैज्ञानिकों ने लक्ष्य रखा है कि वे ऐसा ढांचा (Framework) प्रस्तावित कर सकें जिसे नियोजनकर्ता (Urban Planners) यह आंकलन कर सकें, कौन से हरित स्थान (Green Area) सहिष्णु हैं और भविष्य में इस तरह के स्थानों को कैसे डिजाइन किया जाना चाहिए. कई शहर अपने विविधता भरे इलाकों में हरित स्थानों का समाहित नहीं कर पाते हैं लेकिन अच्छी बात ये है कि इसके लिए बहुत सारे क्षेत्र की जरूरत नहीं होती है. छोटे से प्लॉट को ऐसे क्षेत्रों में बदला जा सकता है.

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