फ्रांस ने अंतरिक्ष में शुरू किया युद्धाभ्यास, उपग्रहों और अन्य उपकरणों की रक्षा के लिए क्षमता का आकलन करना

दुनिया में तीसरी अंतरिक्ष महाशक्ति बनने की राह पर बढ़ रहे

Update: 2021-03-11 03:01 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: दुनिया में तीसरी अंतरिक्ष महाशक्ति बनने की राह पर बढ़ रहे फ्रांस ने इस सप्ताह अपना पहला अंतरिक्ष सैन्य अभ्यास शुरू किया है। इस युद्धाभ्यास का मकसद किसी हमले की स्थिति में अपने अंतरिक्ष उपग्रहों और अन्य उपकरणों की रक्षा के लिए अपने अंतरिक्ष कमान की क्षमता का आकलन करना है।

फ्रांस के नए अंतरिक्ष कमान प्रमुख माइकल फ्रीडलिंग के मुताबिक, यह युद्धाभ्यास देश की प्रणालियों पर दबाव झेलने की क्षमता का परीक्षण करने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा, यह फ्रांसीसी सेना का पहला और यूरोप में भी अपनी तरह का पहला अभ्यास है। अभ्यास के दौरान सेना एक संभावित खतरनाक अंतरिक्ष वस्तु का निरीक्षण करेगी और साथ ही अन्य विदेशी ताकतों से अपने खुद के उपग्रह के लिए खतरे का अनुभव करेगी। अंतरिक्ष में सैन्य अभ्यास एक ऐसे देश के साथ एक संकट पर आधारित है जिसमें अंतरिक्ष शक्ति है और एक अन्य जिसका फ्रांस के साथ सैन्य सहयोग समझौता है। अमेरिकी अंतरिक्ष बल और जर्मन अंतरिक्ष एजेंसी भी फ्रांसीसी अंतरिक्ष अभ्यास में हिस्सा ले रहे हैं। यह अंतरिक्ष युद्धाभ्यास शुक्रवार को पूरा हो जाएगा।
अंतरिक्ष में बढ़ती सैन्य गतिविधि
फ्रांसीसी अंतरिक्ष सेना कमान का गठन 2019 में किया गया था और इसमें 2025 तक 500 सैन्यकर्मी होंगे। कहा जाता है कि अगले छह वर्षों में अंतरिक्ष सैन्य कार्यक्रम में निवेश पांच अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा। मौजूदा समय में अमेरिका व चीन इस पर सर्वाधिक खर्च कर रहे हैं। फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली के मुताबिक, हमारे सहयोगी और प्रतिद्वंद्वी अंतरिक्ष का सैन्यीकरण कर रहे हैं, हमें कार्य करने की जरूरत है।
होड़ में पीछे नहीं रहना चाहता फ्रांस
फ्रांस ने एंटी-सैटेलाइट लेजर हथियारों को विकसित करने के साथ-साथ अंतरिक्ष में अपनी निगरानी क्षमताओं में सुधार करने की योजना बनाई है। उसका मानना है कि भविष्य में अंतरिक्ष भी महाशक्तियों के बीच टकराव का एक मंच बन सकता है और वह इसमें पीछे रहना नहीं चाहता है।


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