50 साल के में पहली बार ISRO ने प्राइवेट कंपनिय के लिए सैटेलाइट सेंटर को खोला
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 50 साल के इतिहास में पहली बार अपने सैटेलाइट सेंटर को प्राइवेट कंपनियों के लिए खोला है
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 50 साल के इतिहास में पहली बार अपने सैटेलाइट सेंटर को प्राइवेट कंपनियों के लिए खोला है. भारतीय स्टार्ट-अप्स के दो सैटेलाइट SpaceKidz India और Pixxel का भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के यूआर राव सैटेलाइट केंद्र में परीक्षण हुआ.
पहली बार इसरो में हुई ऐसी टेस्टिंग
ये पहली बार है जब किसी प्राइवेट कंपनी के सैटेलाइट की टेस्टिंग बेंगलुरु स्थित यूआर राव सैटेलाइट सेंटर में हुई है. इसरो ने ऐसी दो सैटेलाइट को मंजूरी दी है. इसमें एक निजी कंपनी की है और दूसरी सैटेलाइट स्टूडेंट्स की डेवलप की हुई है. इसमें स्पेकिड्ज इंडिया को स्टूडेंट्स ने डिजाइन किया है. यह अंतरिक्ष एजेंसी के लिए ऐसा पहला मौका है जब प्राइवेट कंपनी के सैटेलाइट की टेस्टिंग उसके सेंटर में की गई. इसरो ने अब तक सिर्फ सैटेलाइट और रॉकेटों के अलग- अलग हिस्सों के निर्माण में मदद की है.
बता दें कि पिछले साल जून में भारत ने अपने अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोलने का फैसला किया था. इसके लिए एक स्वतंत्र भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) की स्थापना की गई थी.
8 महीने बाद, ISRO कमर्शियल सैटेलाइट को इस महीने के अंत में निर्धारित PSLV मिशन में लॉन्च करने के लिए तैयार है. यह पहला मिशन होगा जब किसी भारतीय स्टार्ट-अप के सैटेलाइट को व्यावसायिक रूप से इसरो लॉन्च करेगा.
इसरो के चेयरमैन ने कही ये बात
इसके अलावा दो प्राइवेट कंपनियां अगले कुछ महीनों में श्रीहरिकोटा स्थित स्पेस पोर्ट और तिरुवनंतपुरम स्थित रॉकेट सेंटर पर अपने इंजनों की जांच करेगी. इसरो इस प्राइवेट कंपनी को अपने सैटेलाइट इमेज भी देगा. ये कंपनी मैपिंग सर्विस के लिए काम करती है.
इसरो के चेयरमैन डॉ. के सिवन ने कहा कि हमारी इस सुविधा का फायदा ज्यादा से ज्यादा निजी कंपनियां उठाएंगी. इसरो निजी कंपनियों के साथ काम करने के लिए तैयार है. लेकिन हम चाहते हैं कि ये कंपनियां इनोवेशन के साथ आएं. इससे वैश्विक स्तर पर देश का नाम होगा.