वायु प्रदूषण से बचाव के लिए अपनाएं ये आसान टिप्स

सर्दी के दिनों में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब हो जाती है। इससे सांस संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

Update: 2020-12-06 12:49 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| सर्दी के दिनों में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब हो जाती है। इससे सांस संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। विशेषज्ञों की मानें तो वायु प्रदूषण से सबसे अधिक दिल और फेफड़ें प्रभावित होते हैं। इससे बचने के लिए आवश्यक सावधानियां जरूर बरतें। घर से बाहर निकलते समय मास्क पहनें। साथ ही प्रदूषण के प्रभाव से बचने के लिए रोजाना सुबह में प्राणायाम और वर्कआउट जरूर करें। हालांकि, वायु प्रदूषण से बचने के लिए खुद की हिफाजत तो कर लेते हैं, लेकिन जब बात घर की आती है, तो लोग थोड़े लापरवाह हो जाते हैं। विशेषज्ञों की मानें तो घर में भी वायु प्रदूषण का खतरा रहता है। इसके लिए घर के अंदर और बाहर दोनों स्थानों पर वायु प्रदूषण से बचाव जरूरी है। अगर आपको नहीं पता है, तो आप इन टिप्स को अपनाकर घर में वायु प्रदूषण के जोखिम को कम कर सकते हैं-

सही वेंटिलेशन का उपयोग करें
घर में उचित वेंटिलेशन का उपयोग करें। अगर वेंटिलेशन सही नहीं रहता है, तो हवा की आवाजाही सही से नहीं हो पाती है। छोटा और अवरोध वेंटिलेशन रहने पर घर की हवा बाहर नहीं जा पाती है। एक शोध में खुलासा हुआ है कि संकुचित वेंटिलेशन के चलते 60 फीसदी प्रदूषित हवा घर में ही रह जाती है। घर में हवा को साफ़ करने के लिए एयर प्यूरिफायर्स का इस्तेमाल जरूर करें।
घर में स्मोकिंग न करें
एक शोध के अनुसार, घर में वायु प्रदूषण के बढ़ने की मुख्य वजह स्मोकिंग है। इसके साथ ही घर में मोमबत्ती अथवा रासायनिक चीज़ों को जलाने से वायु प्रदूषण का खतरा बढ़ जाता है। इसके लिए घर में भूलकर भी स्मोकिंग न करें।
प्रति हजार बच्चों में दो बच्चे स्वलीनता से पीड़ित रहते हैं।
घर में पेड़ लगाएं
वातावरण को स्वच्छ रखने में पेड़-पौधों का अहम योगदान रहता है। इससे हवा साफ़ होती है। इसके लिए घर में पेड़ पौधे जरूर लगाएं। पेड़ पौधे विषैले और दूषित को साफ़ करता है। साथ ही प्रदूषित हवा से होने वाली आंखों में जलन नहीं होती है। इसके अतिरिक्त तनाव को कम करता है और सांस संबंधी बीमारियों का खतरा भी कम हो जाता है।
सर्दियों में कार्पेट का इस्तेमाल न करें
कार्पेट धूल के छोटे-छोटे कणों और पालतू जानवर के रूसी के लिए बंदरगाह की तरह काम करता है। कार्पेट से निकलने वाले धूल से अस्थमा, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज और कफ का खतरा अधिक बढ़ जाता है। इसके लिए सर्दियों में कार्पेट का इस्तेमाल न करें।
Exhaust Fans का इस्तेमाल करें
रसोई और नहाने वाले कमरे में मौजद नम हवा से फंगस का खतरा अधिक रहता है। फंगस छोटे छोटे कणों को वहन करता है जो शरीर में प्रवेश कर सर्दी, खांसी और फंगल संक्रमण के खतरे को बढ़ाते हैं। फंगस के कहर से बचने के लिए घर के रसोई और बॉथरूम में Exhaust Fans जरूर लगाएं।


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