बना देगा दुनिया के हर इंसान को अमीर, NASA करने जा रहा ये काम!

Update: 2022-03-27 07:57 GMT

नई दिल्ली: स्पेसएक्स (SpaceX) अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के साइकी एस्टेरॉयड एक्सप्लोरर मिशन (Psyche Asteroid Explorer Mission) के लिए अपना फॉल्कन हैवी (Falcon Heavy) रॉकेट देगा. यह लॉन्चिंग 1 अगस्त 2022 को होगी. लेकिन उससे पहले स्पेसएक्स अपने फॉल्कन हैवी रॉकेट की एक लॉन्चिंग जून महीने में करेगा. 

जून में होने वाली फॉल्कन हैवी रॉकेट की लॉन्चिंग फ्लोरिडा स्थित केनेडी स्पेस सेंटर के लॉन्च पैड 39ए से होगी. इसमें यूएस स्पेस फोर्स (US Space Force) के यूएसएसएफ-44 मिशन को लॉन्च किया जाएगा. यह रॉकेट दो पेलोड्स को सीधे जियोसिंक्रोनस ऑर्बिट में तैनात करेगा. पहला है अमेरिकी मिलिट्री का टेट्रा-1 माइक्रोसैटेलाइट (TETRA 1 Microsatellite). दूसरे के बारे में जानकारी जारी नहीं की गई है. 
1 अगस्त 2022 को नासा साइकी एस्टेरॉयड एक्सप्लोरर मिशन (Psyche Asteroid Explorer Mission) को स्पेसएक्स के फॉल्कन हैवी रॉकेट से लॉन्च करेगा. साइकी स्पेसक्राफ्ट तो लगभग बनकर तैयार हो चुका है, लेकिन अभी तक यह निर्धारित नहीं हो पा रहा था कि इस स्पेसक्राफ्ट को किस रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा. अब जाकर यह बात स्पष्ट हो गई है कि इसे किस रॉकेट से लॉन्च करेंगे. क्योंकि यह जानकारी नासा के लॉन्च शेड्यूल में डाल दी गई है. 
नासा (NASA) जिस एस्टेरॉयड पर यान भेज रहा है वो धरती पर मौजूद हर शख्स को 10 हजार करोड़ रुपए का मालिक बना सकता है. यह एस्टेरॉयड पूरा का पूरा लोहे, निकल और सिलिका से बना है. अगर इसमें मौजूद इन धातुओं को बेचा जाए तो हर शख्स अरबपति हो जाएगा. इस पर जाने वाले स्पेसक्राफ्ट का नाम भी साइकी ही रखा गया है. 
इस एस्टेरॉयड का नाम है 16 साइकी (16 Psyche). अगस्त 2022 में साइकी स्पेसक्राफ्ट लॉन्च किया जाएगा. साइकी स्पेसक्राफ्ट मई 2023 में मंगल ग्रह की ग्रैविटी वाले इलाके से बाहर निकलेगा. इसके बाद वह 2026 में 16 साइकी (16 Psyche) एस्टेरॉयड की कक्षा में पहुंचेगा. फिर वह इस एस्टेरॉयड के चारों तरफ 21 महीने चक्कर लगाएगा. 
नासा ने स्पेसक्राफ्ट के साइंस और इंजीनियंरिंग सिस्ट्म तैयार हैं. इस मिशन को अमेरिका की सरकार की तरफ ग्रीन सिग्नल भी मिल गया है. नासा ने बताया कि 16 साइकी (16 Psyche) एस्टेरॉयड पर मौजूद लोहे की कुल कीमत करीब 10000 क्वॉड्रिलियन पाउंड है. यानी 10000 के पीछे 15 जीरो. 10000 क्वॉड्रिलियन पाउंड (10,000,000,000,000,000,000 पाउंड) यानी धरती पर मौजूद हर आदमी को करीब 10 हजार करोड़ रुपए मिलेंगे. यह कीमत उस एस्टेरॉयड पर मौजूद पूरे लोहे की है. 
नासा का साइकी स्पेसक्राफ्ट साइकी 226 किलोमीटर चौड़े इस एस्टेरॉयड का अध्ययन करेगा. स्पेसक्राफ्ट का क्रिटकिल डिजाइन स्टेज पूरा हो चुका है. इस स्पेसक्राफ्ट में सोलर-इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन सिस्टम होगा, तीन साइंस इंस्ट्रूमेंट्स होंगे, इलेक्ट्रॉनिक्स और पावर सब सिस्टम लगाया जाएगा. NASA के जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (JPL) से इस स्पेसक्राफ्ट की गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी. 
एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर और साइकी मिशन की प्रिंसिपल इन्वेस्टीगेटर लिंडी एलकिंस टैनटन ने बताया कि एस्टेरॉयड 16 साइकी मंगल और बृहस्पति ग्रह के बीच घूम रहे एस्टेरॉयड बेल्ट में है. एस्टेरॉयड 16 साइकी हमारे सूरज के चारों तरफ एक चक्कर पांच साल में लगाता है. इसका एक दिन 4.196 घंटे का होता है. इसका वजन धरती के चंद्रमा के वजन का करीब 1 फीसदी ही है. नासा का कहना है कि इस एस्टेरॉयड को धरती के करीब लाने की कोई योजना नहीं है. इसपर जाकर इसके लोहे की जांच करने की योजना बनाई जा रही है. 
NASA का साइकी स्पेसक्राफ्ट मैग्नेटोमीटर का उपयोग करके 16 साइकी (16 Psyche) की चुंबकीय शक्ति और उसके कोर का पता लगाएगा. स्पेसक्राफ्ट में लगे स्पेक्ट्रोमीटर यह विश्लेषण करेंगे कि एस्टेरॉयड की टोपोग्राफी क्या है. यानी उसमें कौन-कौन से धातु हैं.
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