प्राकृतिक भोजन से लंबा और स्वस्थ जीवन जीने में मिल सकती है मदद, रिसर्च में खुलासा
न्यूयॉर्क: एक नए शोध से यह बात सामने आई है कि प्राकृतिक भोजन खाने से लंबा और स्वस्थ जीवन जीने में मदद मिल सकती है। इससे मृत्यु के जोखिम को लगभग एक चौथाई तक कम किया जा सकता है।
अध्ययन पूर्व अनुसंधान पर आधारित है जिसमें ऐसे खाद्य पदार्थों की पहचान की गई है जो स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों के लिए फायदेमंद हैं। जिसमें साबुत अनाज, फल, गैर-स्टार्च वाली सब्जियां, नट्स, और असंतृप्त तेल (अच्छी वसा वाले तेल) शामिल हैं। साथ ही ऐसे खाद्य पदार्थ जो पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं, जिसमें अंडे और रेड मीट शामिल हैं।
नए निष्कर्षों से यह बात सामने आई है कि प्राकृतिक खाद्य पदार्थ खाने से व्यक्ति को कैंसर, हृदय रोग, श्वसन रोग और न्यूरोडीजेनेरेटिव जैसे रोगों से होने वाली मृत्यु के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है। साथ ही जल उपयोग, भूमि उपयोग, पोषक तत्व, प्रदूषण और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन जैसे कारकों के संदर्भ में पर्यावरण पर इसका प्रभाव भी कम हो सकता है। हार्वर्ड टीएच चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में पोषण विभाग में डॉक्टरेट उम्मीदवार लिन्ह बुई ने कहा, "हमने एक नया आहार स्कोर प्रस्तावित किया है जिसमें स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों पर भोजन के प्रभावों का सर्वोत्तम वैज्ञानिक प्रमाण शामिल है।"
बुई ने कहा, "परिणामों ने हमारी परिकल्पना की पुष्टि की। पाया गया कि प्राकृतिक भोजन मृत्यु दर के जोखिम को कम कर सकता है। नए अध्ययन के साथ शोधकर्ताओं का लक्ष्य नीति निर्माता और सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार और जलवायु संकट से निपटने के लिए रणनीति विकसित करना है।
बुई ने कहा, ''मैं हमेशा पर्यावरण पर मानवीय प्रभावों को कम करने के बारे में चिंतित रहता हूं, एक स्थायी आहार पैटर्न न केवल स्वस्थ होना चाहिए बल्कि ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन और अन्य पर्यावरणीय मापदंडों के अनुरूप भी होना चाहिए।"
प्लैनेटरी हेल्थ डाइट इंडेक्स (पीएचडीआई) बनाने के लिए शोधकर्ताओं ने दो बड़े अध्ययनों में 100,000 से अधिक प्रतिभागियों के विभिन्न खाद्य समूहों और स्वास्थ्य परिणामों के बीच संबंधों पर मौजूदा शोध की समीक्षा की। डेटा सेट में 1986-2018 के दौरान 47,000 से अधिक मौतें शामिल थीं। कुल मिलाकर, उन्होंने पाया कि प्रतिभागियों के शीर्ष पांचवें हिस्से को अन्य लोगों की तुलना में मृत्यु का जोखिम 25 प्रतिशत कम है।
उच्च पीएचडीआई स्कोर में कैंसर या हृदय रोगों से मृत्यु का जोखिम 15 प्रतिशत कम पाया गया। वहीं न्यूरोडीजेनेरेटिव रोग से मृत्यु का खतरा 20 प्रतिशत कम रहा। साथ ही श्वसन रोगों से मृत्यु का जोखिम 50 प्रतिशत कम पाया गया। बुई ने कहा, पीएचडीआई आवश्यक रूप से सभी देशों में सभी खाद्य पदार्थों और सभी प्रमुख बीमारियों के साथ उनके संबंधों का विशेषण नहीं करता है। यह विशिष्ट स्वास्थ्य स्थितियों, धार्मिक प्रतिबंधों या भोजन की पहुंच के साथ भिन्न हो सकता है।
ये निष्कर्ष अमेरिका के बोस्टन में 22-25 जुलाई तक आयोजित अमेरिकन सोसाइटी फॉर न्यूट्रिशन की प्रमुख वार्षिक बैठक न्यूट्रिशन 2023 में प्रस्तुत किए गए।