ऑस्‍ट्रेल‍िया में बन रहा धरती का 'ब्‍लैक बॉक्‍स'

आपने अक्‍सर विमानों के ब्‍लैक बॉक्‍स के बारे में सुना होगा लेकिन अब धरती का भी ब्‍लैक बॉक्‍स बनने जा रहा है

Update: 2021-12-07 17:08 GMT

आपने अक्‍सर विमानों के ब्‍लैक बॉक्‍स के बारे में सुना होगा लेकिन अब धरती का भी ब्‍लैक बॉक्‍स बनने जा रहा है। धरती का यह ब्‍लैक बॉक्‍स जलवायु परिवर्तन और अन्‍य मानवनिर्मित खतरों को रेकॉर्ड करेगा। साथ ही मानव सभ्‍यता के पतन की कहानी को भी दर्ज करेगा। यह ब्‍लैक बॉक्‍स करीब 32 फुट लंबा होगा और कभी न टूटने वाली स्‍टील से बनाया जाएगा। इसे ऑस्‍ट्रेलिया के तस्‍मानिया में बनाया जाएगा।

इस स्‍टील के ब्‍लैक बॉक्‍स को हार्ड ड्राइव से भरा जाएगा जिसमें धरती के विनाश के बारे में 'बिना किसी पक्षपात के' पूरा विवरण दर्ज किया जाएगा। यह ब्‍लैक बॉक्‍स जलवायु से तापमान, समुद्र जलस्‍तर, जलवायु में कार्बन डॉइ ऑक्‍साइड की मात्रा और कई अन्‍य आंकड़े लेगा ताकि इस बात का दस्‍तावेजीकरण किया जा सके कि कैसे इंसानियत जलवायु आपदा को रोकने में फेल रही। शोधकर्ताओं का कहना है कि यह विमानों में लगाए जाने वाले ब्‍लैक बॉक्‍स की तरह से होगा जो विमानों की स्थित‍ि को रेकॉर्ड करता है और दुर्घटना होने की सूरत में जरूरी सूचनाएं मुहैया कराता है।
सोलर ऊर्जा से चलने वाले बॉक्‍स की कितनी होगी कीमत ?
इस बीच वैज्ञानिक अभी इस बात पर काम कर रहे हैं कि अगर धरती की तबाही होती है और इसमें कोई बचता है तो इस ब्‍लैक बॉक्‍स का इस्‍तेमाल वह इंसान कैसे करेगा। ऐसी मान्‍यता है कि इंसानों का एक छोटा सा समूह बच सकता है और वह यह जान पाएगा कि कैसे भीषण आग, बाढ़ और सूखे से इंसानी सभ्‍यता का अंत हो गया। यह अभी तक स्‍पष्‍ट नहीं हो पाया है कि सोलर ऊर्जा से चलने वाले बॉक्‍स की कीमत क्‍या होगी।
इस ब्‍लैक बॉक्‍स का निर्माण साल 2022 के मध्‍य में शुरू होने जा रहा है। कहा जा रहा है कि यह कुछ उसी तरह का होगा जैसाकि साल 1968 में आई फिल्‍म '2001: ए स्‍पेस ओडिसी' में ब्‍लैक मोनोलिथ को दिखाया गया है। इस प्रॉजेक्‍ट को मार्केटिंग कंपनी क्‍लेमेंगर बीबीडीओ यूनिवर्सिटी ऑफ तस्‍मानिया की मदद से बना रही है। कंपनी का कहना है कि इसका मकसद यह है कि अगर धरती पर आने वाले वर्षों में मानव सभ्‍यता खत्‍म होती है जो लोग बचेंगे वे इसके जरिए जान सकेंगे कि क्‍या हुआ था।
ब्‍लैक बॉक्‍स के लिए तस्‍मानिया को इसलिए चुना गया
इस ब्‍लैक बॉक्‍स को माल्‍टा, नार्वे और कतर में भी लगाने चर्चा हुई थी लेकिन तस्‍मानिया की भूराजनीतिक और भूगर्भीय स्थिरता ज्‍यादा अच्‍छी पाया गया। बताया जा रहा है कि जब तस्‍मानिया में सूरज निकलेगा सोलर ऊर्जा की मदद से वैज्ञानिक आंकड़े दर्ज हो जाएंगे। इसमें समुद्री जलस्‍तर, तापमान, समुद्र में अम्लीकरण, कार्बन डॉइ ऑक्‍साइड, जीवों का खात्‍मा, विश्‍व के विभिन्‍न स्‍थानों पर जमीन के इस्‍तेमाल में बदलाव आदि शामिल हैं।
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