हवाई में मिला घातक वायरस, विलुप्तप्राय किलर वेल और डॉल्फिन पर मंडरा रहा महामारी का खतरा

हवाई एक ओर कोरोना वायरस इंसानों की जान लेता जा रहा है, वहीं दूसरी ओर अब डॉल्फिन पर दूसरे वायरस का खतरा मंडराने लगा है

Update: 2021-08-14 07:06 GMT

हवाई एक ओर कोरोना वायरस इंसानों की जान लेता जा रहा है, वहीं दूसरी ओर अब डॉल्फिन पर दूसरे वायरस का खतरा मंडराने लगा है। यूनिवर्सिटी ऑफ हवाई के वैज्ञानिकों ने ऐसा वायरस खोजा है जिससे इन जलीय जीवों के जीवन पर संकट पैदा हो सकता है। यहां तक कि एक साथ बड़ी संख्या में डॉल्फिन्स की जान जा सकती है।

दो साल चली स्टडी
नेचर साइंटिफिक रिपोर्ट्स में छपी स्टडी के मुताबिक Cetacean morbillivirus के इस स्ट्रेन के बारे में पहले पता नहीं था और अब पाया गया है कि इसकी वजह से बड़ी संख्या में डॉल्फिन्स की मौत हो सकती है। यह स्टडी करीब दो साल चली। दरअसल, गहरे पानी में मिलने वाली फ्रेजर डॉल्फिन मॉई तट के पास मिली थी जिसके बाद यह स्टडी शुरू की गई।
यूनिवर्सिटी ऑफ हवाई के इंस्टिट्यूट ऑफ मरीन बायॉलजी के रिसर्चर्स ने इस वायरस की पहचान की है जो इंसानों में मीजल्स और स्मॉलपॉक्स से मिलता-जुलता है। इसकी वजह से डॉल्फिन्स और वेल की बड़ी संख्या में मौत हो सकती है।

पहले नहीं मिला था वायरस
पहली बार morbillivirus का स्ट्रेन फ्रेजर डॉल्फिन से जुड़ा पाया गया है। असोसिएट रिसर्चर क्रिस्टी वेस्ट ने बताया है कि साल 2018 में फ्रेजर डॉल्फिन के मिलने से पता लगा कि एक नया और अलग वायरल स्ट्रेन हवाई के पानी में है जिसके बारे में पहले हमें नहीं पता था। वेस्ट का कहना है कि यह हवाई के लिए अहम है क्योंकि यहां डॉल्फिन और वेल की कई प्रजातियां रहती हैं जिन्हें वायरस से खतरा हो सकता है।
डॉल्फिन-वेल पर खतरा
नया वायरस विलुप्तप्राय जीवों के लिए खतरा हो सकता है, जैसे इंसुलर फॉल्स किलर वेल जिनकी संख्या पहले ही 200 से कम रह गई है। एक थिअरी के मुताबिक यहां की मछलियों में वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी भी हो सकती है लेकिन इसके लिए अभी ऐंटीबॉडी टेस्टिंग की जानी बाकी है। इससे पहले करीब 50 डॉल्फिन ऑस्ट्रेलिया में और 200 से ज्यादा ब्राजील में इस वायरस के दूसरे स्ट्रेन्स की वजह से जान गंवा चुकी हैं।


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