इस गांव में महीनों तक रहता है अंधेरा, अब बना लिया खुद का सूरज, जाने खास बातें

हम लोगों में से ज्यादातर लोग कभी कभी यह जरूर सोचते होंगे कि सूरज अस्त न हो तो कितना अच्छा होता

Update: 2021-11-04 10:07 GMT

हम लोगों में से ज्यादातर लोग कभी कभी यह जरूर सोचते होंगे कि सूरज अस्त न हो तो कितना अच्छा होता, लेकिन दुनिया में कुछ ऐसे इलाके हैं जहां पर सूरज निकलता ही नहीं है। आज हम आपको ऐसे ही गांव के बारे में बताते हैं। यह गांव इटली में है जहां पर कभी सूरज उगता नहीं है। गांव में सूरज न निकलने से परेशान लोगों ने इसका हल निकाल लिया है। इस गांव के लोगों ने अपना एक सूरज बना डाला है। इस बात को जानकर आपको यकीन नहीं हो रहा होगा, लेकिन यह पूरी तरह सच है। 

यहां पर सूरज न निकलने की वजह से यहां पर लोगों ने अपना आर्टीफिशियल सूरज बना लिया है। अभी तक इंसान विज्ञान और तकनीक की मदद से हाथ-पांव और नकली आंख बना रहा था, लेकिन इटली के इस गांव के लोगों ने आर्टीफिशियल सूरज बना लिया है। आईए जानते हैं इस गांव के बारे में...

इटली के इस गांव का नाम विगल्लेना है। चारों तरफ से पहाड़ों से घिरे इस गांव में सूरज की रोशनी नहीं पहुंचती है। मिलान के उत्तर में यह गांव लगभग 130 किलोमीटर नीचे स्थित है। इस गांव की आबादी 200 है। यहां पर नवंबर से फरवरी तक सूरज नहीं निकलता है। लोगों की समस्या को देखकर गांव के एक आर्किटेक्ट और इंजीनियर ने एक रास्ता खोज लिया। इंजीनियर ने गांव के मेयर की मदद से विगल्लेना गांव के लिए एक आर्टिफीशियल सूरज बना दिया। 

जानिए इंजीनियर ने कैसे किया ये कारनाम

आर्किटेक्ट और इंजीनियर ने आर्टीफिशियल सूरज बनाने के लिए 1 लाख यूरो खर्च किया। इस पैसे से इंजीनियर ने 40 वर्ग किलोमीटर का एक शीशा खरीदा जिसको उसने पहाड़ की चोटी पर लगवा गिया। यह शीशा ऐसे लगाया गया है ताकि सूरज की रोशनी गांव के ऊपर धूप बनकर पड़े। इस शीशे से दिन में 6 घंटे लाइट रिफ्लेक्ट होती है और गांव में रोशनी रहती है। इस शीशा को पहाड़ की दूसरी तरफ लगाया गया है। 

इस शीशे को कंप्यूटर से ऑपरेट करते रहते हैं। विगल्लेना गांव के लोगों ने इस प्रकार अपना खुद का नया सूरज बना डाला है। गांव वालों ने विज्ञान और तकनीक की मदद से इस समस्या से निजात पा लिया। 

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