नई दिल्ली: ऐसा कौन सा पौधा है जो मंगल ग्रह के भयानक वातावरण में जीवित रह जाए. क्योंकि वहां न तो धरती की तरह वायुमंडल है. न पानी. इंसानों को मंगल पर भेजने की तैयारी चल रही है. ऐसे में वो वहां पर क्या खाएंगे. कुछ न कुछ तो फसल उगाएंगे ही. ये कहानी कुछ-कुछ हॉलीवुड फिल्म The Martian की तरह जा रही है. जहां पर एक्टर मैट डेमन खुद को बचाए रखने के लिए पौधे उगाने का प्रयास करते हैं.
सीधी-सीधी बात करें तो मंगल ग्रह की मिट्टी, वातावरण, वायुमंडल को देखते हुए यह असंभव है कि वहां पर किसी तरह के पेड़-पौधे उगाए जा सकें. हाल ही में हुई एक स्टडी के मुताबिक एक पौधा है जो वहां पर उगाया जा सकता है. इसका नाम है अल्फाल्फा प्लांट (Alfaalfa Plant). यह एक प्रकार का पौधा है जिसका उपयोग आमतौर पर चारे के तौर पर किया जाता है.
अल्फाल्फा (मेडिकागो सटिवा एल) मटर परिवार फबासिए का फूल देने वाला एक पौधा है. इसकी खेती एक महत्वपूर्ण चारे के फसल के रूप में की जाती है. यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड में लुसर्न के रूप में जाना जाता है. दक्षिण एशिया में लुसर्न घास के रूप में. वैज्ञानिकों का मानना है कि यह पौधा मंगल ग्रह पर फर्टिलाइजर के तौर पर उपयोग किया जा सकता है. इसके बाद वहां पर टर्निप्स, मूली और लेटस जैसे पौधे उगाए जा सकते हैं.
इसे लेकर हाल ही में PLOS ONE में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई है. जिसमें लिखा है कि अल्फाल्फा प्लांट (Alfaalfa Plant) मंगल ग्रह के ज्वालामुखीय मिट्टी पर सर्वाइव कर सकता है. इस पौधे को भी वहां पर उगाया जा सकता है. क्योंकि इसे पोषक तत्वों और पानी की कम जरुरत होती है. इस पौधे की मदद से वैज्ञानिक मंगल ग्रह की सतह पर ज्यादा पौधे लगा सकते हैं.
स्टडी के मुताबिक अल्फाल्फा प्लांट (Alfaalfa Plant) के जरिए मंगल ग्रह की मिट्टी के पोषक तत्वों को बढ़ाया जा सकता है. जिससे बाद में वहां पर अन्य प्रकार के पौधे और फसलों को उगाया जा सकता है. साथ ही वहां की मिट्टी में पानी की मात्रा को भी संतुलित करने में मदद करेगा. पुराने रिसर्च में यह बताया गया था कि मंगल ग्रह की सतह पर कोई भी फसल या पौधा उगाना एक बेहद कठिन कार्य है.
मंगल ग्रह पर पोषक तत्वों की कमी है. जिसे पूरा करने के लिए अल्फाल्फा प्लांट (Alfaalfa Plant) मदद कर सकता है. वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह जैसे माहौल को बनाकर उसमें इस पौधे को पनपने दिया. वह भी बिना किसी फर्टिलाइजर के. बाद में इसी पौधे को फर्टिलाइजर के तौर पर उपयोग किया गया तो वहां पर टर्निप्स, मूली और लेटस उगने लगे. वह भी तेजी से और कम पानी की जरुरत के साथ. तीनों पौधे अल्फाल्फा की मदद से उगाने में मदद मिली.
मंगल ग्रह पर धरती की तरह पानी मौजूद नहीं है लेकिन जल के कण मौजूद हैं. जिनका उपयोग पौधों के पोषण के लिए किया जा सकता है. ऐसा पहली बार हुआ है कि जब अल्फाल्फा प्लांट (Alfaalfa Plant) को बायो फर्टिलाइजर में बदला गया है. इसकी मदद से मंगल की मिट्टी को उपजाऊ बनाया जा सकता है. हालांकि अभी इसे लेकर और रिसर्च करने की जरूरत है. रिसर्च चल भी रही है.
लैब में बनाई गई मिट्टी में कुछ जहरीले पर्कोलेट सॉल्ट की कमी थी. बाकी मिट्टी मंगल ग्रह जैसी ही थी. मंगल ग्रह की मिट्टी पर फसल उगाने के लिए सबसे पहले ऐसे सॉल्ट को डिसैलिनेटेड पानी से साफ करना होगा. ताकि उसके बाद उस पर फसल उगाई जा सके.
वैज्ञानिकों का मानना है कि मंगल ग्रह पर बड़े रेफ्रजरेटर ले जाकर खाना रखने के बजाय अल्फाल्फा प्लांट (Alfaalfa Plant) की मदद से मिट्टी की उर्वरकता को बढ़ाया जा सकता है. यह सस्ता भी पड़ेगा. यह पौधा लंबे समय के लिए मंगल ग्रह पर उपयोग किया जा सकता है. भविष्य में इससे इंसानी कॉलोनी बसाने में आसानी होगी.