केले वास्तव में होते हैं रेडियोएक्टिव, जानें इस पर विशेषज्ञ की राय

रेडिएशन (Radiation) या विकिरण और रेडियोधर्मिता और रेडियोएक्टिविटी (Radioactivity) दो अलग अलग शब्द है. फिर भी ये आपस में संबंधित हैं. दोनों ही शब्द लोगों के मन में कई तरह के आशंका पैदा करते हैं.

Update: 2022-11-06 03:18 GMT

रेडिएशन (Radiation) या विकिरण और रेडियोधर्मिता और रेडियोएक्टिविटी (Radioactivity) दो अलग अलग शब्द है. फिर भी ये आपस में संबंधित हैं. दोनों ही शब्द लोगों के मन में कई तरह के आशंका पैदा करते हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि हम हर समय किसी ना किसी तरह के विकिरण का सामना तो करते ही हैं, हम खुद भी विकिरण करते है. और वास्तव में हमारे आसपास सभी कुछ विकिरण कर रहा होता है. लेकिन रेडियोधर्मी विकिरण अलग होता है और यह भी कोई बहुत ही असामान्य बात नहीं होती है. हवा तक में रेडियोधर्मिता के गुण होते हैं. लेकिन केले (Banana) विकिरण के साथ थोड़े सी रेडियोधर्मिता के लिए भी जाने जाते हैं. लेकिन आखिर इसका मतलब क्या है.

क्या होता है विकिरण

विकिरण वह ऊर्जा होती है जो एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक, या तो तरंग के रूप में या फिर कण के रूप में जाती है. हम रोज किसी ना कसी तरह के प्राकृतिक या कृत्रिम विकिरण का सामना करते हैं. खगलीय विकिरण सूर्य या फिर बाह्य अंतरिक्ष से पृथ्वी पर आता है, वहीं प्राकृतिक विकिरण हमारे सहित आसपास की सभी वस्तुओं से निकलता है. यहां तक कि केले भी विकिरण के प्राकृतिक स्रोत ही हैं.

रेडियोधर्मिता का विकिरण

लेकिन केलों में कुछ मात्रा में रेडियोधर्मिता भी होती हैं जिससे उसमें से रेडियोधर्मी विकिरण भी निकलता है. यह बहुत ही कम मात्रा में होता है बल्कि उससे ज्यादा रेडियोधर्मी विकिरण का सामना तो हम रोज करते रहते हैं. रेडियोधर्मी के कृत्रिम विकिरण में चिकित्सकीय उपकरणो से निकली एक्स विकिरण, मोबाइल फोन से निकलने वाली तरंगे, बिजली की तारें प्रमुख रूप से जाने जाते हैं. लेकिन प्राकृतिक या कृत्रिम विकिरण में से कौन सा कितना खतरनाक है यह उसकी मात्रा पर निर्भर करता है.

विकिरण और रेडियोधर्मिता में अंतर

अंग्रेजी में रेडिएशन और रेडियोएक्टिविटी काफी बार अदल-बदल कर इस्तेमाल किए जाते हैं. ऐसा ही हिंदी में भी है. दोनों में अंतर है. रेडियोधर्मिता का अर्थ होता है कि एक अस्थिर परमाणु स्थिर होने की अवस्था में आने के लिए रेडियोधर्मी विखंडन करता है. ऐसे में ऊर्जा विकिरण के रूप में उत्सर्जित होती हैं जिससे परमाणु स्थिर अवस्था में पहुंच सके या पिर अरेडियोधर्मी हो सके. विखंडन की प्रक्रिया या उसकी दर ही पदार्थ की रेडियोधर्मिता की व्याख्या करती है.

दो तरह के विकिरण

इस तरह से रेडियोधर्मिता में भी विशेष तरह का विकिरण होते है. और इसके अलावा विकिरण दो प्रकार के हो सकते हैं आयनीकृत और अनायनीकृत विकिरण एक तरह का वर्गीकरण है. आयनीकृत विकिरण में पर्याप्त ऊर्जा होती है जिससे परमाणु मे से इलेक्ट्रॉन हट जाता है जिससे पदार्थ की रासायनिक संरचना बदल जाती है. वहीं अनायनीकृत विकिरण में कम ऊर्जा होती है जिसकी ऊर्जा से परमाणु या अणु उत्तेजित हो जाते है. इनके स्रोत मोबाइल फोन, बिजली की तारों, पराबैंगनी विकिरण इसी श्रेणी के उदाहरण हैं.

कितने खतरनाक होते हैं विकिरण

विकिरणों के बारे में धारणा यह है कि वे खतरनाक होते हैं पर ऐसा हमेशा नहीं होता है. उनकी मजबूती प्रकार और उनका सामना करने की अवधि पर निर्भर करता है कि वे कितने खतरनाक हो सकते हैं. सामान्य नियम यह है कि विकिरण का ज्यादा ऊर्जा स्तर उसे ज्यादा नुकासानदायी बनाता है. वहीं पराबैंगनी किरणें अनायनीकृत होने के बाद भी नुकसानदायी होती हैं.


क्रेडिट ; न्यूज़ 18 

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