बैक्टीरिया हटाएंगे झीलों से प्लास्टिक प्रदूषण, काफी कुछ प्राकृतिक होगा तरीका

प्लास्टिक प्रदूषण एक बहुत ही बड़ी समस्या है. जहां एक और प्लास्टिक के उपयोग को खत्म करना बहुत बड़ी समस्या है, वहीं दूसरी ओर प्लास्टिक के कचरे से निपटने की चुनौती भी विकाराल रूप लेती जा रही है.

Update: 2022-07-28 05:13 GMT

प्लास्टिक प्रदूषण (Plastic Pollution) एक बहुत ही बड़ी समस्या है. जहां एक और प्लास्टिक के उपयोग को खत्म करना बहुत बड़ी समस्या है, वहीं दूसरी ओर प्लास्टिक के कचरे से निपटने की चुनौती भी विकाराल रूप लेती जा रही है. इससे निपटने के लिए बहुत से शोधकार्य चल रहे हैं. अब वैज्ञानिकों ने झीलों में प्राकृतिक रूप से पाए जाने ऐसे बैक्टीरिया (Bacteria in Lakes) खोजे हैं जो प्राकृतिक पदार्थों की तुलना मे प्लास्टिक के अवशेषों पर ज्यादा तेजी और कारगरता से पनपते हैं. इन बैक्टीरिया की खास बात यह है कि ये प्लास्टिक के कार्बन यौगिकों (Carbon compounds) को विखंडित करते हैं और वे इसी विखंडित पदार्थ को ही अपने भोजन के रूप में उपयोग करते हैं. 

इस अध्ययन में 29 यूरोपीय झीलों (European lakes) को शामिल किया गया था. शोधकर्ताओं का कहना है कि पानी के संसाधनों को बैक्टीरिया (Bacteria) की इस विशेष प्रजाति से समृद्ध करना पर्यावरण से प्लास्टिक (Plastic) को हटाने का एक प्राकृतिक तरीका हो सकता है. इसका प्रभाव बहुत स्पष्ट दिखाई भी देता है. जब झील के पानी में प्लास्टिक प्रदूषण की वजह से कार्बन स्तर केवल 4 प्रतिशत बढ़ता है, बैक्टीरिया की वृद्धि दो गुनी से ज्यादा हो जाती है. अध्ययन के मुताबिक झीलों में पाए जाने वाले बैक्टीरिया झीलों के अंदर के प्लास्टिक के साथ ही अन्य प्राकृतिक कार्बन के यौगिकों को भी तोड़ते हैं, लेकिन ये बैक्टीरिया प्राकृतिक की जगह प्लास्टिक कार्बन को तरजीह देते हैं.

शोधकर्ताओं का कहना है कि इसका मतलब यह नहीं है कि हमें प्लास्टिक प्रदूषण (Plastic pollution) की छूट मिल जाती है. क्यों कि प्लास्टिक के अंदर के कुछ यौगिक पदार्थों का खास तौर से ज्यादा मात्रा में पर्यावरण (environment) के प्रति जहरीला प्रभाव होता है. इस अध्ययन के नतीजे हाल ही में नेचर कम्यूनिकेशन में प्रकाशित हुए थे. बैक्टीरिया (Bacteria) प्लास्टिक को पहले खाते हैं क्योंकि उन्हें तोड़ना उनके लिए आसान होता है. उसके बाद ही वे मुश्किल भोजन की ओर रुख करते हैं जो कि प्राकृतिक कार्बन पदार्थ होते हैं 

शोधकर्ताओं का कहना है कि प्लास्टिक प्रदूषण (Plastic Pollution) झीलों में पूरे के पूरे खाद्य जाल को प्रभावित करते हैं क्योंकि ज्यादा बैक्टीरिया (Bacteria) का मतलब बतख (Ducks) और मछलियों जैसे बड़े जीवों के लिए ज्यादा भोजन होता है. इस प्रभाव में विविधता झील के पानी में मौजूद बैक्टिरिया की प्रजातियों की विविधता पर निर्भर होती है. ज्यादा विविध प्रजातियों वाली झीलों में प्लास्टिक प्रदूषण ज्यादा बेहतर नियंत्रण होता है. पिछले साल इसी शोध के लेखकों द्वारा प्रदाशित अध्ययन में पाया गया था कि यूरोपीय झील सूक्ष्मप्लास्टिक प्रदूषण के बड़े हॉटस्पॉट हो गए हैं.

प्लास्टिक को विखंडित कर बैक्टिरिया (Bacteria) सरल कार्बन पदार्थों छोड़ते हैं. शोधकर्ताओं ने पाया कि ये यौगिक पत्तियों और टहनियों जैसे जैविक पदार्थों के विखंडन से बने सरल कार्बन पदार्थों से अलग होते हैं. प्लास्टिक से निकले सरल पादर्थ एडहेसिव्स या सॉफ्टनर्स के द्वारा पैदा होते हैं. नए अध्ययन में यह भी पाया गया है कि बैक्टीरिया ने उन झीलों में से प्लास्टिक प्रदूषण (Plastic Pollution) ज्यादा निकाला है जहां कम विशेष प्राकृतिक कार्बन पदार्थ थे. ऐसा इसलिए था कि उन झीलों दूसरे खाद्य स्रोत कम थे. इन नतीजों से उन झीलों को प्राथमिकता के आधार पर खोजा जा सकेगा जहां प्लास्टिक प्रदूषण अधिक, लेकिन बैक्टीरिया विविधता कम और अलग तरह के प्राकृतिक जैविक पदार्थ ज्यादा हैं.

पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि दुर्भाग्यवश प्लास्टिक (Plastic) कई दशकों तक पर्यावरण (Environment) को प्रदूषित करता रहेगा. शोधकार्य इसतरह के बैक्टीरिया (Bacteria) खोजने में सफल रहे हैं जो प्लास्टिक के कचरे को कम कर सकते हैं और प्रदूषण का प्रबंधन भी बेहतर करने में सहायक हो सकते है. इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने स्कैंडीनेवया की 29 झीलों में से अगस्त से सितंबर 2019 के दौरान नमूने लिए थे. ये झीलें अलग अलग ऊंचाई, तापमान, गहराई और विविधता वाली झीलें हैं. इन झीलों में शोधकर्ताओं ने प्लास्टिक भी डाला था और उसके घुलने के बाद ही नमूने लिए गए थे. 

इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बैक्टीरिया (Bacteria) की वृद्धि का मापन किया है. प्लास्टिक (Plastic) के कार्बन के घुले पदार्थों वाले पानी में बैक्टीरिया भार में कारगर तरह से दोगुना हो गए थे. वहीं 72 घंटों में बैक्टीरिया ने आधा कार्बन खा लिया था. शोधकर्ताओं ने बताया कि उनका अध्ययन दर्शाता है कि जब प्लास्टिक का कचरा झील (Lakes) और नदियों में प्रवेश करता है, तब पूरे पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित होता है. इसके साथ ही वे यह भी उम्मीद करते हैं उनका अध्ययन लोगों को प्लास्टिक का कचरा फेंकने के मामले में ज्यादा सावधानी बरतने के लिए प्रेरित करेगा. 

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