सूर्य के पीछे छिपा है ग्रहों का दुश्मन एस्टेरॉयड, पृथ्वी पर गिरा तो मचेगी तबाही
खगोलविदों ने एक ऐसे एस्टेरॉयड की खोज की है जो भविष्य में पृथ्वी पर जीवन को खत्म कर सकता है। ये एस्टेरॉयड सूर्य की चकाचौंध के कारण छिपे हुए हैं। तीन एस्टेरॉयड में से एक सबसे बड़ा संभावित खतरा है जो पिछले आठ वर्षों में खोजा गया है। ये एस्टेरॉयड शुक्र और पृथ्वी की कक्षाओं के बीच पाए जाने वाले समूह से संबंधित हैं
खगोलविदों ने एक ऐसे एस्टेरॉयड की खोज की है जो भविष्य में पृथ्वी पर जीवन को खत्म कर सकता है। ये एस्टेरॉयड सूर्य की चकाचौंध के कारण छिपे हुए हैं। तीन एस्टेरॉयड में से एक सबसे बड़ा संभावित खतरा है जो पिछले आठ वर्षों में खोजा गया है। ये एस्टेरॉयड शुक्र और पृथ्वी की कक्षाओं के बीच पाए जाने वाले समूह से संबंधित हैं, लेकिन सूर्य की रोशनी के चलते उनका निरीक्षण करना आसान नहीं है। सूर्य की चमक उन्हें दूरबीन से बचा रही है। सूर्य की चकाचौंध से बच कर एस्टेरॉयड का अवलोकन करने का वैज्ञानिकों ने तरीका खोजा है।
अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिकों की एक टीम ने इस एस्टेरॉयड को चिली में मौजूद अमेरिकी विक्टर एम ब्लैंको टेलीस्कोप के डार्क एनर्जी कैमरा के जरिए देखा है। उनका निष्कर्ष सोमवार को द एस्ट्रोनॉमिकल जर्नल में प्रकाशित हुआ है। इन एस्टेरॉयड में से एक को 2022 AP7 नाम दिया गया है, जो 1.5 किमी चौड़ा है। इस एस्टेरॉयड की अपनी कक्षा है जो भविष्य में इसे पृथ्वी के रास्ते पर ला सकती है। हालांकि इसके समय का अनुमान वैज्ञानिक नहीं लगा सके हैं।
ग्रह को खत्म करने की है ताकत
वाशिंगटन डीसी में कार्नेगी इंस्टीट्यूट फॉर साइंस के खगोलशास्त्री और अध्ययन के प्रमुख लेखक स्कॉट एस शेपर्ड ने एक बयान में कहा, 'हमारा ट्विलाइट सर्वे पृथ्वी और शुक्र की कक्षाओं के भीतर के क्षेत्र के एस्टेरॉयड को खंगाल रहा है। अब तक दो बड़े नियर अर्थ एस्टेरॉयड मिले हैं जो लगभग 1 किमी चौड़ाई वाले हैं, जिसे हम ग्रह का हत्यारा या प्लैनेट किलर कहते हैं।' वैज्ञानिकों ने पाया कि 2022 AP7 एस्टेरॉयड पृथ्वी की कक्षा को पार करता रहा है। लेकिन ये तब होता है, पृथ्वी विपरीत दिशा में रहती है। ये पैटर्न सदियों तक जारी रहेगा क्योंकि सूर्य का एक चक्कर एस्टेरॉयड पांच साल में पूरा करता है।
पृथ्वी पर गिरा तो मचेगी तबाही
अध्ययन में कहा गया है कि समय के साथ एस्टेरॉयड का घूर्णन पृथ्वी के साथ बेहतर तरीके से अपना तालमेल बिठाने में कामयाब रहेगा, तब ये एक खतरा बन सकता है। शेपर्ड ने कहा, 'अभी इस एस्टेरॉयड का सटीकता के साथ पता नहीं चल सका है कि ये भविष्य में कितना खतरनाक होगा। लेकिन फिलहाल के लिए ये भविष्य दूर है।' उन्होंने आगे कहा कि 1 किमी के आकार का एस्टेरॉयड अगर पृथ्वी पर गिर जाए तो विनाशकारी प्रभाव देखने को मिलेंगे। उन्होंने बताया कि इसके गिरने से खतरनाक धूल और प्रदूषक वर्षों तक वातावरण में रहेंगे, जिससे सूर्य का प्रकाश अवरुद्ध हो जाएगा और गृह लंबे समय के लिए ठंडा हो जाएगा। टीम का मानना है कि पृथ्वी को खत्म करने वाले लगभग 1000 एस्टेरॉयड हैं जो एक किमी से ज्यादा चौड़े हैं। बाकी दो एस्टेरॉयड 2021 LJ4 और 2021 PH27 सुरक्षित हैं।
क्रेडिट : navbharattimes