पृथ्वी की ओर 8 KM प्रति सेकेंड की रफ्तार बढ़ रहा 'तबाही' लाने वाला एस्ट्रेरॉयड

अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने कहा है कि ताजमहल से तीन गुना आकार का क्षुद्रग्रह पृथ्वी के करीब से गुजरेगा

Update: 2021-07-24 12:30 GMT

अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने कहा है कि ताजमहल से तीन गुना आकार का क्षुद्रग्रह (Asteroid) पृथ्वी (Earth) के करीब से गुजरेगा. रविवार देर रात ये पृथ्वी के सबसे करीब पहुंच जाएगा. नियर अर्थ ऑब्जेक्ट (Near-Earth Object) 2008 GO20 8.2 किमी प्रति सेकेंड की गति से पृथ्वी के पास से गुजरेगा. इस दौरान पृथ्वी से इसकी दूरी 30 से 40 लाख किमी होने वाली है. NASA के अनुसार, एक नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट (NEO) को आमतौर पर एक क्षुद्रग्रह या धूमकेतु के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो हमारी पृथ्वी से सूर्य तक की दूरी को 1.3 गुना से भी कम करीब से गुजरते हैं. यही वजह है कि NEO से कोई खतरा नहीं होता है.

ओडिशा के भुवनेश्वर में पठानी सामंत तारामंडल के उप निदेशक डॉ सुभेंदु पटनायक ने कहा है कि चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि 2008 GO20 के पृथ्वी से टकराने की कोई संभावना नहीं है. पटनायक ने एएनआई को बताया कि हमें घबराना नहीं चाहिए. हम सुरक्षित रूप से कह सकते हैं कि यह पृथ्वी से नहीं टकराएगा. उन्होंने कहा, ये क्षुद्रग्रह 1935 और 1977 में क्रमशः 19 लाख किमी और 29 लाख किमी की दूरी पर पृथ्वी के पास से गुजर चुका है. उस समय से ये उड़ता हुआ चला गया और फिर पृथ्वी की ओर नहीं आया. इस बार इसकी दूरी लगभग 45 लाख किमी है, जो पृथ्वी-चंद्रमा की दूरी से लगभग 11 से 12 गुना अधिक है, इसलिए इसके पृथ्वी से टकराने का कोई खतरा नहीं है.
29,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है पृथ्वी की ओर
पटनायक ने कहा कि 2008 GO20 भारतीय मानक समय (IST) रविवार को रात 11:21 बजे पृथ्वी के सबसे करीब होगा. उन्होंने कहा कि विशाल क्षुद्रग्रह की चौड़ाई 97 मीटर और लंबाई 230 मीटर होने का अनुमान है, जो एक साथ रखे गए चार फुटबॉल मैदानों के आकार के आसपास होगा. उन्होंने कहा कि क्षुद्रग्रह 29,000 किलोमीटर प्रति घंटे की औसत से बढ़ रहा है. जिसका मतलब है कि ये 8 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है. पटनायक ने कहा, इस तेज गति को देखते हुए, क्षुद्रग्रह के रास्ते में आने वाली कोई भी चीज नष्ट हो जाएगी. पिछली बार NEO क्षुद्रग्रह का दौरा 20 जून 2008 को हुआ था और इसके 25 जुलाई, 2034 को फिर से पृथ्वी के पास से गुजरने की संभावना है.
1,045 खतरनाक क्षुद्रग्रहों की हुई पहचान
बता दें कि एक मीटर से लेकर सैकड़ों किलोमीटर के आकार के लाखों क्षुद्रग्रह मंगल और बृहस्पति के बीच सूर्य की परिक्रमा करते हैं. कभी-कभी पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण खिंचाव से ये धरती की ओर बढ़ जाते हैं. पटनायक ने कहा कि उनमें से 99.9 प्रतिशत पृथ्वी की सतह से टकराने से पहले ही वायुमंडल में जल कर राख हो जाते हैं. उन्होंने कहा, वैज्ञानिकों ने अब तक 23,628 से अधिक बड़े क्षुद्रग्रहों की सूची तैयार की है जो पृथ्वी के करीब से गुजरने वाले हैं. इनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है. इनमें से केवल 1,045 को संभावित खतरनाक क्षुद्रग्रहों के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जिन्हें NEO के रूप में जाना जाता है.
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